कार्तिक पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमा में से एक है. इस विशेष दिन पर लोग व्रत रखते हैं और भगवान सत्यनारायण के रूप में भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. सनातन धर्म में हर माह का विशेष महत्व होता है. कार्तिक माह भगवान विष्णु का ही स्वरूप है. कार्तिक मास हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण महीना माना जाता है. इस मास करवा चौथ, दिवाली, छठ पर्व, भाई दूज, गोवर्धन पूजा आदि जैसे कई खास व्रत-त्योहार पड़ते हैं.
पुराणों के अनुसार कार्तिक महीने में भगवान विष्णु मत्स्यावतार लेकर जल में रहते हैं। इसलिए ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में और मुख्य रूप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी या तालाब में स्नान करने व दान करने से बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करने से मन, शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाती है और लोगों को उनके बुरे कर्मों और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
इसी तिथि पर भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था. इसे भगवान विष्णु का पहला अवतार माना जाता है. प्राचीन समय में जब जल प्रलय आया था, तब मत्स्य अवतार के रूप में भगवान ने पूरे संसार की रक्षा की थी. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.