यूपीए-1 और 2 के शासन वाले एक दशक को एक ही पंक्ति में ठीक से व्यक्त
किया जा सकता है, 'गिरावट का दशक, जिसमें भारत में हर प्रकार की समस्याओं से निपटने में
गिरावट ही आई हैफिर चाहे वह शासन हो, आर्थिक स्थिति हो, राजनयिक अपमान हो, विदेश नीति की असफलता हो, सीमापार घुसपैठ
हो, भ्रष्टाचार और घोटाले हों या महिलाओं के साथ होने वाले
अपराध हों। सरकार और संवैधानिक इकाइयों को भारी दुरुपयोग और पूर्ण अवमानना हुई है।
प्रधानमंत्री के पद की गरिमा का भी काफी पतन हुआ है। सरकार प्रतिदिन दुविधा में ही
पड़ी रही जिसके कारण देश पर निराशा और विनाश के बादल मँडराते रहे, जबकि एनडीए के
शासनकाल में भारत ‘उभरती हुई महाशक्ति' कहलाने लगा था।
2004 में एनडीए के सत्ता छोड़ने के समय विकास दर दो अंकों के
करीब थी। कांग्रेस नीत यूपीए सरकार उसको भी कायम नहीं रख पाई और सरकार का प्रबंधन
इतने खराब तरीके से उसने किया कि विकास दर गिरकर 4.8 प्रतिशत तक आ
गई और देश गहरे संकट में फंस गया। हमने एक सुंदर अवसर पूँवा दिया और देश को बीस
साल पीछे धकेल दिया। लाखों-करोड़ों महिला-पुरुषों को बेरोजगार कर दिया।
देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण और तात्कालिक चुनौतियों का
समाधान नहीं किया गया। इनका असर तात्कालिक स्थिति पर ही नहीं पड़ा, बल्कि इससे देश
की दीर्घकालीन क्षमताओं पर भी बुरा असर पड़ा। लोग कुंठित महसूस कर रहे हैं और उनका
विश्वास व्यवस्था से हट गया है। चीजें बदलनी ही होंगी, और अब वे जरूर
बदलेंगी। भाजपा इन सारे मसलों का हल प्राथमिकता के आधार पर निकालने के लिए त्वरित
और निर्णायक कदम उठाएगी। महँगाई, खाने-पीने
के सामान के बढ़ते दामों ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है और कांग्रेस नीत यूपीए
सरकार की देखरेख में कुल मिलाकर महँगाई बहुत तेजी से बढ़ी है। यहाँ तक कि
लाखों-करोड़ों लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। हालाँकि, कांग्रेस नीत
यूपीए सरकार संवेदनहीन बनी रही और लोगों की दशा की उसने कोई परवाह नहीं की वह तो
अल्पकालिक और दिशाहीन कदमों में खुद को उलझाए रही। श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता
वाली मुख्यमंत्रियों की समिति ने खाद्य महंगाई पर 2011 में ही अपनी
रिपोर्ट पेश कर दी थी। दुर्भाग्य से उस रिपोर्ट पर कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने
कोई काम नहीं किया।
तात्कालिक बीजेपी नीत एनडीए सरकार के समय महंगाई के रिथर
रहने का रिकॉर्ड हमारे उच्च मुद्रास्फीति और उच्च ब्याज दरों के विद्वेषपूर्ण
कुचक्र को तोड़ने के संकल्प को दर्शाता है। हमारा तात्कालिक कार्य अनेक कदम उठाकर
महंगाई पर लगाम लगाने का होगा, जैसे कि :
·
जमाखोरी और
कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े उपाय करना और विशेष अदालतें स्थापित करना।
·
दाम स्थिरीकरण
कोष की स्थापना करना।
·
भारतीय खाद्य
निगम के संचालन को वृहद क्षमता के साथ खरीदारी, भंडारण, और वितरण के
लिए खोलना।
·
विशेषकर
किसानों के लिए उत्पादन, कीमतों, आयात, भंडार और समग्र उपलब्धता के बारे में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर
वास्तविक समय को घटाना।
·
एकल 'राष्ट्रीय कृषि बाजार' का विकास करना।
·
लोगों की
खान-पान की आदतों से संबंधित फसलों और सब्जियों के क्षेत्र को प्रोत्साहन और समर्थन
देना।
देश कांग्रेस नीत यूपीए सरकार द्वारा 10 सालों से
रोजगारविहीन विकास में घसीटा जा रहा है। व्यापक आर्थिक पुनरुत्थान के तहत, भाजपा रोजगार
सृजन और उद्यमिता के अवसरों को उच्च प्राथमिकता का वादा करती है। इसके तहत हम :
·
भारी प्रभाव
वाले क्षेत्रों, जैसे श्रम आधारित निर्माण (कपड़ा, जूता, इलेक्ट्रॉनिक्स
सामान एसेंबलिंग आदि) और
पर्यटन का रणनीतिक आधार पर विकास करेंगे।
·
कृषि और
संबंधित उद्योगों और खुदरा के परंपरागत रोजगारों को आधुनिकीकरण के
·
साथ-साथ मजबूत
साख और बाजार संपर्क के जरिए मजबूत करगे।
·
अधोसंरचना और
आवास के सुधार के जरिए उपलब्ध कराए गए अवसरों का इस्तेमाल करेंगे और इनकी रोजगार
सृजन की क्षमता का इस्तेमाल करेंगे।
·
अपने युवाओं को
उद्यमिता तथा ऋण की सुविधा के जरिए स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित और सशक्त करेंगे।
·
सेवा भाव से
बहु-कौशल कार्यक्रम शुरू करके रोजगार की समस्या हल करेंगे। इसमें ग्रामीण और शहरी, दोनों
क्षेत्रों में रोजगार सृजन और उद्यमिता पर जोर दिया जाएगा।
·
अपने रोजगार
कार्यालयों को रोजगार केन्द्रों के रूप में बदलेंगे- प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के
जरिए पारदर्शी और कारगर तरीके से युवाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा।
· अपने रोजगार कार्यालयों को रोजगार केन्द्रों के रूप में बदलेंगे - प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए पारदर्शी और कारगर तरीके से युवाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा। साथ ही उन्हें परामर्श और प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा।
भ्रष्टाचार कमजोर
शासन का नतीजा होता है। इसके साथ ही यह सत्ता में बैठे लोगों की बुरी नीयत को भी
प्रकट करता है। कांग्रेस नीत यूपीए सरकार में फैला सारा व्यापक भ्रष्टाचार
राष्ट्रीय संकट' बन गया है।
हम ऐसा तंत्र स्थापित करेंगे जो भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही
समाप्त कर देगा। हम इसके लिए निम्न उपाय करेंगे ।
·
प्रौद्योगिकी
आधारित ई-गवर्नेस - नागरिक सरकार के स्वरूप में मनमानी को न्यूनतम करना।
·
प्रणाली आधारित, नीति प्रेरित
शासन - इसे पारदर्शी बनाया जाएगा।
·
कर प्रणाली को
तर्कसंगत और सरलीकृत किया जाएगा, जो कि वर्तमान में ईमानदार करदाताओं के लिए नुकसानदेह है।
·
सभी स्तरों पर
प्रक्रियाओं और तरीकों का सरलीकरण - नागरिकों, संस्थाओं और
प्रतिष्ठानों में विश्वास पैदा किया जाएगा।
भ्रष्टाचार की गुंजाइश न्यूनतम करके, हम काला धन
पैदा न होने को सुनिश्चित करेंगे। भाजपा विदेशी बैंकों और समुद्रपार के खातों में
जमा काले धन का पता लगाने और उसे वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस काम के लिए और
मौजूदा कानूनों में बदलाव करने या नए कानून बनाने के लिए हम एक कार्यबल स्थापित
करेंगे। कालेधन को वापस भारत लाने के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
हम विदेशी सरकारों से भी कालेधन से जुड़ी जानकारियाँ हासिल करने के लिए व्यापक पहल
करेंगे।
देश एक दशक तक कुप्रशासन और घोटालों से पीड़ित रहा है, साथ में
निर्णयों और नीतियों में अपंगता की स्थिति भी रही है। इस प्रकार वृद्धि और विकास
को कष्टदायी स्थिति में रोकने से ‘सरकारी घाटे' की स्थिति बन गई है। यह स्थिति बदली जाएगी और सरकार का इंजन
दोबारा मजबूत इच्छा शक्ति और जनहित के लिए प्रतिबद्धता के साथ शुरू किया जाएगा। हम
नौकरशाही को सही निर्णय लेने और अपनी ताकत का इस्तेमाल आधुनिक भारत के निर्माण में
करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
हम जहाँ कहीं भी जाते हैं, हर जगह बाधाएँ
ही दिखती हैं। हम रोजाना इसे अनुभव करते हैं—सरकारी कार्यालयों में जनता के छोटे
से छोटे काम में अड़चनें हैं, अदालतों में मुकदमों का ढेर लगा है, इसी तरह से और
जगह भी हैं। इसी प्रकार, हम अधूरे काम और काम पूरा न हो पाने की संस्कृति के लिए
जाने जाते हैं। हमारे पास पानी है, लेकिन उसे ले जाने के लिए पाइप लाइन नहीं हैं। हमारे पास
स्कूल हैं, लेकिन शिक्षक नहीं हैं, हमारे पास
कंप्यूटर और मशीनें हैं लेकिन बिजली नहीं है, हमारे पास
वैज्ञानिक हैं, लेकिन प्रयोगशालाएँ नहीं हैं, उपकरण हैं, लेकिन उन पर
काम करने के लिए कोई नहीं है। इससे कामकाज की गति कम होती है और परिणामस्वरूप समय, धन और ऊर्जा की
बरबादी होती है। सही काम करने के लिए सही दिशा भी होनी जरूरी है, लेकिन उसका
अभाव है। इसे प्राथमिकता के आधार पर हासिल करना होगा। हम जो भी करते हैं, उसके लिए हमें
पूरी श्रृंखला को ध्यान में रखना होगा। हम इसको ध्यान में रखते हुए निम्न उपाय
करेंगे:
·
सभी क्षेत्रों, गतिविधियों और
सेवाओं में बाधाओं और अधूरेपन को हटाएँगे।
·
सही परिणामों
के लिए उचित नियोजन और क्रियान्वयन पर जोर देंगे।
·
भविष्यगामी सोच
के साथ मात्रा और गति पर जोर देंगे।
·
आज और कल के
लिए संस्थाओं का निर्माण करेंगे।
भारत के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती केंद्र सरकार की
विश्वसनीयता और भरोसे की बहाली की है। हाल के वर्षों में केंद्र सरकार ने
विश्वसीयता पूरी तरह से खो दी है। इसकी नीयत, ईमानदारी और
कामकाज, सब सवालों के दायरे में हैं। कांग्रेस पार्टी ने न केवल
सरकार की, बल्कि भारत की भी मर्यादा गिराई है। यही कारण है कि रुपए के
अवमूल्यन और बाकी देशों के हमारे ऊपर हावी होने देने जैसी ताजा कठिनाइयाँ झेलनी
पड़ रही हैं। भाजपा सरकार के भरोसे और विश्वसनीयता की बहाली के लिए काम करेगी। हम
प्रणाली में जिम्मेदारी और जवाबदेही की श्रृंखला भी सुनिश्चित करेंगे।
भारत विविधतापूर्ण देश है। इसके अलग-अलग क्षेत्रों में रहने
वाले विभिन्न समुदायों की अपनी-अपनी आकांक्षाएँ होती हैं। इन सभी आकांक्षाओं को
मिलाकर ही भारत की आकांक्षाएँ बनती हैं। ऐसे में केंद्र और राज्यों को ऐसा कार्य
तंत्र बनाना होगा जिसमें रिश्ते सद्भावपूर्ण हों। हर राज्य की स्वाभाविक
परेशानियाँ व्यापक रूप से निपटाई जानी चाहिए।
·
हम
केंद्र-राज्य संबंधों को सलाह-मशविरा करके सहज बनाएँगे और केंद्र-राज्यों के सद्भावपूर्ण
संबंधों की दिशा में प्रयास करेंगे।
·
हमारी सरकार
राज्यों के तीव्र विकास में मददगार बनेगी और अनुकूल रहेगी। हम राष्ट्रीय विकास का एक मॉडल तैयार करेंगे, जो कि राज्यों
द्वारा संचालित होगा।
·
टीम इंडिया
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली में बैठी टीम ही नहीं होगी, बल्कि
मुख्यमंत्रियों और अन्य अधिकारियों
को भी इसमें समान भागीदार बनाया जाएगा।
·
हमारी सरकार
राज्यों के तीव्र विकास में मददगार बनेगी और अनुकूल रहेगी। हम राष्ट्रीय विकास का एक मॉडल तैयार करेंगे, जो कि राज्यों
द्वारा संचालित होगा।
·
टीम इंडिया
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली में बैठी टीम ही नहीं होगी, बल्कि
मुख्यमंत्रियों और अन्य अधिकारियों को भी इसमें समान भागीदार बनाया जाएगा।
·
राज्यों की
वित्तीय स्वायत्तता सुनिश्चित की जाएगी, और उनसे वित्तीय अनुशासन कायम रखने का अनुरोध किया जाएगा।
·
समान समस्याओं
और सरोकारों के साथ राज्य क्षेत्रीय परिषदों का गठन किया जाएगा. जिसका उद्देश्य
ऐसे समाधान तलाश करना होगा जो राज्यों के पूरे समूह के लिए व्यावहारिक हो।
·
हम सुरक्षा
संबंधी मुद्दों, अंतरराज्यीय विवादों के साथ-साथ अंतर-क्षेत्रीय आर्थिक
विषमताओं को हटाने तथा पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए राज्यों से सहयोग को
बढ़ावा देंगे।
·
हम सारे
पर्वतीय और दूरदराज के राज्यों की विशेष जरूरतों और विशिष्ट समस्याओं को समझते
हैं। इन राज्यों की सरकारों की सलाह से, राज्य आधारित विकास प्राथमिकताएँ मॉडल तैयार किए जाएँगे ताकि लोगों की आकांक्षाएँ
पूरी हो सके।
·
केंद्र शासित
प्रदेशों की विशिष्ट स्थिति को देखते हुए, उन पर विशेष
ध्यान दिया जाएगा। हम केंद्र शासित प्रदेशों की अर्थव्यवस्थाओं के विकास और मजबूती
पर जोर देंगे। पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा जनजातियों के कल्याण और उनके अधिकारों
पर पूरा ध्यान दिया जाएगा और अधोसंरचना
तथा तटीय क्षेत्र विकास को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी।
·
हम अपने
द्वीपीय क्षेत्रों के संरक्षण और एकीकृत विकास की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।
·
'राष्ट्रीय विकास परिषद' और 'अंतरराज्यीय परिषद' जैसे मृतप्राय
मंचों को पुनर्जीवित किया जाएगा और सक्रिय संस्थाएँ बनाया जाएगा।
·
विदेश व्यापार
और वाणिज्य के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकारों को शामिल किया जाएगा।
·
उद्योग, कृषि और
अधोसंरचना में निवेश के जरिए राज्यों को संसाधन जुटाने में सहायता की जाएगी।
लोकतंत्र में हर कोई न केवल स्वतंत्र है, बल्कि उसे अपनी
आवाज या मुद्दे उठाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। यह भी आवश्यक है कि
उनकी आवाजें सुनी जाएँ और उनके मुद्दे सुलझाए जाएँ। हालाँकि, यह सब हमारे
संविधान के दायरे में और भारत सबसे पहले की भावना के साथ ही होना चाहिए। हमें अपनी
सोच और कार्यों में राष्ट्र को सबसे आगे रखना होगा। देश की अखंडता को किसी भी तरह
से नुकसान पहुँचाने वाला कोई भी कार्य समाज के किसी भी वर्ग या देश के किसी भी
क्षेत्र के हित में नहीं हो सकता । समाज के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले सभी
भारतीयों का देश के विकास में बराबर की भागीदारी होनी चाहिए और उन्हें आश्वस्त
किया जाना चाहिए कि उन्हें भी इस विकास का लाभ मिलेगा।
·
वर्तमान में, हमें विकास के
पैमाने पर देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच भारी क्षेत्रीय विषमता देखने को मिलती
है, खासकर पश्चिमी और पूर्वी हिस्से में प्राकृतिक और मानव
संसाधनों में समृद्धि के
बावजूद भारत का पूर्वी हिस्सा पीछे है।
·
हम देश के
पूर्वी हिस्से को पश्चिमी हिस्से के समकक्ष लाने के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता | देंगे। इसके
लिए भारत के पूर्वी हिस्से के विकास पर विशेष ध्यान और जोर दिया जाएगा।
·
सरकार इन
राज्यों के तीव्र विकास में मददगार और अनुकूल भूमिका निभाएगी; क्षेत्रीय आकांक्षाओं, मजबूती और
संभावनाओं की योजना बनाएगी, देश के विभिन्न हिस्सों-पर्वतीय भाजपा क्षेत्रों, मैदानी
क्षेत्रों, रेगिस्तानी क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों के विकास के लिए
उचित रणनीतियाँ बनाएगी।
पूर्वोत्तर : संसाधनों में
समृद्ध पूर्वोत्तर के राज्य कमजोर शासन, व्यवस्थागत भ्रष्टाचार और जन सेवाओं के कमजोर वितरण के कारण
विकास में पीछे छूट रहे हैं। एनडीए सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय का गठन
करके पूर्वोत्तर के विकास के मुद्दे के हल के लिए ठोस कदम उठाए थे। हम पूर्वोत्तर
क्षेत्र के त्वरित विकास के लिए इस मंत्रालय को व्यापक घोषणापत्र और रद्द न होने
वाले कोष के जरिए सशक्त बनाएंगे। भाजपा इस दिशा में निम्न कदम उठाएगी :
·
क्षेत्र के
अंदर और देश के बाकी हिस्सों से संपर्क मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। विशेषकर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में
वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ व्यापक अधोसंरचना
पर विशेष जोर दिया जाएगा।
·
असम में बाढ़
नियंत्रण और नदी जल प्रबंधन के मुद्दे को हल किया जाएगा।
·
पर्यटन और
सूचना प्रौद्योगिकी जैसे अधिक रोजगार सृजन के अवसरों को बढ़ावा दिया जाएगा।
·
पूर्वोत्तर में
घुसपैठ और अवैध प्रवासियों की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। इसके तहत जमीनी स्तर पर स्पष्ट दिशा
निर्देश और प्रभावशाली नियंत्रण शामिल होगा.
·
भारत-बांग्लादेश
और भारत-म्यांमार सीमा पर बाकी बचे बाड़ लगाने के काम को पूरा किया जाएगा, और सीमा सुरक्षा
को चाक-चौबंद किया जाएगा।
·
देश भर में
पढ़ने वाले पूर्वोत्तर के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे। इनके तहत
विभिन्न शैक्षणिक केंद्रों में पूर्वोत्तर के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास
स्थापित किए जाएंगे।
·
उपद्रवी तत्वों
से कड़ाई से निपटा जाएगा।
जम्मू और कश्मीर : जम्मू और कश्मीर भारत संघ का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
भारत की भौगोलिक एकता अखंड है। भारत इस राज्य के तीनों हिस्सों-जम्मू कश्मीर और
लद्दाख, के समान और तीव्र विकास के एजेंडे को लागू करेगी।
·
कश्मीरी
पंडितों की अपने पूर्वजों की भूमि में ससम्मान, सुरक्षित और
सुनिश्चित आजीविका के साथ वापसी
सुनिश्चित करना बीजेपी के एजेंडे में उच्च स्थान पर रहेगा।
·
पाकिस्तान
अधिकृत कश्मीर के व अन्य शरणार्थियों की लंबे समय से लंबित समस्याओं और माँगों को हल किया जाएगा।
·
भाजपा धारा 370 के बारे में
अपने दृष्टिकोण को दोहराती है और इस पर सभी पक्षों से चर्चा करेगी तथा इस धारा को हटाने के लिए प्रतिबद्ध
रहेगी।
·
सुशासन, बेहतर
अधोसंरचना, शैक्षणिक अवसर, स्वास्थ्य सेवा और अधिक रोजगार सृजन के लिए सारे कदम उठाए जाएँगे, ताकि घाटी में
जीवन की बेहतर गुणवत्ता हो सके।
आंध्र और तेलंगाना : भाजपा तेलंगाना राज्य के निर्माण के बाद आंध्र के साथ पूरा
न्याय करने के लिए प्रतिबद्ध है। आंध्र और तेलंगाना के विकास और शासन से संबंधित
सारे मुद्दे हल किए जाएँगे।
भारत व्यापक विविधताओं वाला देश है जिसमें विभिन्न लोगों के
विचारों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उच्च विकेंद्रीकृत संघीय ढाँचा बहुत
महत्वपूर्ण है। वर्तमान में सत्ता दिल्ली और राज्य की राजधानियों में केंद्रित है।
हमारा मानना है कि सत्ता का स्वाभाविक विकेंद्रीकरण होना चाहिए। भाजपा राज्यों को
अधिकार देने के जरिए वृहद विकेंद्रीकरण के पक्ष में खड़ी है। जन सत्ता के व्यापक
संग्रह को अब तक वास्तविक अर्थ में परखा नहीं गया है। हम शासन में लोगों को
कार्यकारी और सहायक के रूप में शामिल करने में सक्षम नहीं हुए हैं।
जनभागीदारी : हमारी विकास
प्रक्रिया जन भागीदारी के जनांदोलन की होगी । हम उन्हें महज निष्क्रिय हितग्राही ही नहीं बल्कि विकास का
सक्रिय वाहक बनायेंगे।
जन संलग्नता : अग्र सक्रिय, जन्नोन्मुखी
सुशासन के जरिए हम सुनिश्चित करेंगे कि सरकार
स्वयं ही लोगों तक पहुँचे, खासकर समाज के कमजोर और हाशिए पर पड़े लोगों तक।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल का विकास आगे
पीपुल–पब्लिक-प्राइवेट
पार्टनरशिप (पीपीपपीपी) मॉडल के रूप में करेंगे।
भाजपा स्थानीय स्तर पर स्वशासन को मजबूत करने के लिए
प्रतिबद्ध है और हम पंचायत राज संस्थाओं को तीन एफ- फंक्शन, फंक्शनरीज और
फंड के जरिए सशक्त करेंगे।
अच्छा काम करने वाली पंचायतों को अतिरिक्त विकास अनुदानों
जैसे पुरस्कार दिए जाएंगे।
ग्राम सभा संस्था को उनके कार्यों और विकास प्रक्रियाओं की
पहलों के संदर्भ में मजबूत
नीति निर्धारण और आकलन में विभिन्न मंचों के जरिए लोगों को
सक्रिय रूप से शामिल
किया जाएगा।
हम सरकार में खुलेपन को प्रोत्साहन देंगे और निर्णय
प्रक्रिया में सभी पक्षों को शामिल
करेंगे।
भाजपा का मानना है कि एक देश, एक जनता और एक
राष्ट्र के रूप में भारत एक है। बीजेपी भारतीय समाज में विविधता के महत्व को समझती
है और मानती है कि इसकी मजबूती और प्रखरता से देश मजबूत होता है। पार्टी का
विश्वास अनेकता में एकता के सिद्धांत में है।
भारत अपने सारे लोगों से मिलकर बना है। जाति, नस्ल, धर्म और लिंग
के किसी भी भेद से एकदम परे। इसमें हमारी संस्कृति भी है जिसे सहिष्णुता और
सह-अस्तित्व के द्वारा परिभाषित किया जाता है। इसमें अनेकता भी है, जिसे सहेजते
हुए हम अब तक एक बने हुए हैं। इसमें हमारी एक-एक इंच भूमि शामिल है, चाहे वह किसी
भी क्षेत्र या सीमा की हो। इसमें सारे प्राकृतिक संसाधन, हमारी मानसिक
और भौतिक ऊर्जा भी शामिल है। इसमें अतीत और वर्तमान में बनी सारी संस्थाएँ शामिल
हैं।
सबसे पहले भारत का सरल अर्थ उन सारे तत्वों का पोषण और
संरक्षण हैं जिनसे भारत बना है। इसमें किसी भी चीज को बाहर नहीं किया जा सकता।
इसका अर्थ यह भी है कि जो भी भारत के हित में है, वह इसके उन
सारे तत्वों के हित में भी है, जिनसे भारत बना है और इसमें भारत के नागरिक भी शामिल हैं।
सबसे पहले भारत की अवधारणा के विपरीत आज यह हो रहा है कि
किसी एक की कीमत पर दूसरे का तुष्टिकरण, किसी खास पार्टी या व्यक्ति के हितों की रक्षा के लिए
संस्थाओं का इस्तेमाल। ऐसा लगने लगा है, जैसे जो कुछ किसी एक दल के हित में नहीं है, वह भारत के भी
हित में नहीं है। स्पष्ट रूप से, ऐसी नीतियों पर चलने वाला शासन भारत के हित में नहीं है।
आसान शब्दों में कहें तो, सबसे पहले भारत
में सरकारों और नागरिकों, दोनों द्वारा कोई भी कदम उठाने के दौरान राष्ट्रीय हित सबसे
ऊपर रखा जाता है। और अधिक आसान शब्दों में कहें तो जब भी आपको कोई संदेह हो, तो आप भारत और
भारतीय जनता के चेहरों को देखिए । वर्तमान राजनीति और कांग्रेस नीत यूपीए के शासन
से इसी अर्थ में सबसे पहले भारत' अलग है। भाजपा के लिए :
·
किसी भी सरकार
का एकमात्र दर्शन और धर्म सबसे पहले भारत होना चाहिए।
·
सरकार का
एकमात्र धर्मग्रंथ भारत का संविधान होना चाहिए।
·
सरकार की
एकमात्र शक्ति जनशक्ति होनी चाहिए।
·
सरकार की
एकमात्र प्रार्थना उसकी जनता की भलाई होनी चाहिए।
·
सरकार का
एकमात्र रास्ता 'सबका साथ, सबका विकास' होना चाहिए।
प्रशासनिक सुधार भाजपा के लिए प्राथमिकता होंगे। इसके लिए
हम उनका क्रियान्वयन प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत एक उचित संस्था के जरिए करने का
प्रस्ताव करते हैं। इसका उद्देश्य सरकार की निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना
है। सरकारी व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं को नागरिकों के अनुकूल, भ्रष्टाचार
मुक्त और जवाबदेह बनाने के लिए उनका पुनरीक्षण किया जाएगा। लोगों की विकास संबंधी
आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और सरकारी एजेंसियों को नागरिकों के प्रति जवाबदेह
बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। हम एक प्रभावी लोकपाल संस्था गठित
करेंगे। हर स्तर के अष्टाचार से कड़ाई और तीव्रता से निपटा जाएगा।
जन्म प्रमाण पत्र से लेकर स्कूलों में दाखिले तक, व्यापार
स्थापित करने से लेकर कर अदायगी तक, हमारी वर्तमान व्यवस्था ने हमारे अपने लोगों की जिंदगियों
को जटिल बना दिया है। हम इसमें सुधार करेंगे और इसे पहुँच, प्रभावशीलता और
वितरण के संदर्भ में आसान बनाएँगे। इस दिशा में निम्न विशिष्ट कदम उठाए जाएंगे :
·
सरकारी
दस्तावेजों के डिजिटलीकरण को शीर्ष प्राथमिकता पर रखा जाएगा ताकि उन तक पहुँच आसान हो सके।
·
कामकाज की
समीक्षा, सामाजिक और पर्यावरणीय अंकेक्षण सारी सरकारी योजनाओं और
·
कार्यक्रमों के
लिए अनिवार्य होगा।
·
सरकार में
उद्योग, शिक्षा जगत और समाज के लोगों को शामिल किया जाएगा और उनकी सेवाएँ
ली जाएंगी।
·
अप्रचलित
कानूनों, नियमों, प्रशासनिक संरचनाओं, तरीकों को
हटाकर उन्हें पुनर्परिभाषित
·
किया जाएगा और उन्हें
उद्देश्यपूर्ण बनाया जाएगा।
·
हम सरकारी
कर्मचारियों के अंदर कर्तव्य भावना पैदा करेंगे क्योंकि लोगों का जीवन और उत्पादकता सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता
पर निर्भर करती है।
कुल मिलाकर, हमारे शासन मॉडल का हॉल मार्क निम्न बिंदु होंगे :
·
जन केंद्रित
·
नीति प्रेरित
·
समयबद्ध वितरण
·
न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन
भाजपा का विश्वास है कि समानता और प्रभावोत्पादन के लिए
सशक्तिकरण महत्वपूर्ण है। इस महत्त्वपूर्ण
क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए एनडीए सरकार ने आईसीटी बनाई। इसका परिणाम
यह हुआ कि भारत पूरे विश्व की आईटी राजधानी आईटी कैपिटल) बन गया। लेकिन इसके पीछे
हमने देखा कि आईटी का लाभ नीचे तक नहीं पहुंचा। यह भाजपा के लिए उच्च प्राथमिकता
वाला क्षेत्र रहा है। क्योंकि आईटी सामान्य लोगों के जीवन को प्रभावित करता है।
भाजपा सुशासन के बारे में जानती है। और ई गवर्नेस गुड गवर्नेस की रीढ़ होगी। भाजपा
का उद्देश्य है एक डिजिटल इंडिया का निर्माण जिससे हर घर और हर व्यक्ति को
व्यक्तिगत रूप से डिजिटल तरीके से सशक्त बनाया जा सके।
सूचना तकनीकि से यह संभव हो सका है कि सूचनाएं और सेवाएं हर
महिला और पुरुष तक पहुंचाई जा सके चाहे वह सुदूर क्षेत्रों में ही क्यों न रहता
हो। यह काम आसानी से और प्रभावी तरीके से हो सकता है। सशक्तिकरण के लिए सूचना सबसे
महत्वपूर्ण चीज है। यह दबाव और छलकपट को अपने आप खत्म कर देता है। हम करेंगे:
हम इस पर ध्यान देंगे कि पूरे देश में ब्राडबैंड के
इस्तेमाल को और अधिक लोग कर सकें। हर गांव में ब्राडबैंड पहुंचाने पर हमारा जोर
रहे।
Þ
ई गवर्नेस के
लिए बेहतर तकनीकी अपनायेंगे और सोशल मीडिया के माध्यम से इसे जन-जन से जोड़ेंगे
जिससे सरकार में लोगों की भागीदारी बढ़े और एक प्रभावी जन शिकायत प्रणाली विकसित
की जा सके।
Þ
ग्रामीण और
अर्धशहरी (Semiurban) इलाकों में आईटी आधारित नौकरियां सृजित की जायेंगी।
Þ
छात्रों के लिए
तकनीक से जुड़े उत्पाद बनाये जायेंगे जो उनकी आर्थिक पहुंच के अनुकूल हों।
Þ
विद्यालयों में
बच्चों पर किताबों का बोझ घटाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
Þ
सभी संस्थानों
और स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से सूचना तकनीक योग्य बनाया जायेगा। डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षण के उपयोग का विस्तार
किया जायेगा।
Þ
नेशनल रूरल इंटरनेट
और टेक्नॉलाजी मिशन के तहत एक मिशन चलाया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने
के लिए टेलिमेडिसिन और चल चिकित्सा सुविधा को बढ़ावा दिया जायेगा। सही समय पर
जानकारी के लिए कृषि क्षेत्र में आईटी का उपयोग किया जायगा। स्व-स्वास्थ्य समूह, खुदरा क्षेत्र
और लघु क्षेत्र और ग्रामीण उद्योगपतियों को बढ़ावा देने में भी इनका उपयोग होगा।
Þ
एक राष्ट्रीय
ई-गवर्नेस योजना शुरु की जायेगी जो केन्द्र से लेकर पंचायत तक सभी सरकारी
कार्यालयों को कवर करेगी। गुजरात में लागू की गई "ई-ग्राम
विश्वग्राम रकीम'' पूरे देश में लागू की जायेगी।
Þ
डिजिटल शिक्षा
और प्रशिक्षण के उपयोग का विस्तार किया जायेगा। ६ नेशनल रूरल इंटरनेट और
टेक्नॉलाजी मिशन के तहत एक मिशन चलाया जायेगा।
Þ
ग्रामीण
क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए टेलिमेडिसिन और चल चिकित्सा
सुविधा को बढ़ावा दिया जायेगा। सही समय पर जानकारी के लिए कृषि क्षेत्र में आईटी
का उपयोग किया जायगा। स्व-स्वास्थ्य समूह, खुदरा क्षेत्र
और लघु क्षेत्र और ग्रामीण उद्योगपतियों को बढ़ावा देने में भी इनका उपयोग होगा।
एक राष्ट्रीय ई-गवर्नेस योजना शुरु की जायेगी जो केन्द्र से लेकर पंचायत तक सभी
सरकारी कार्यालयों को कवर करेगी। गुजरात में लागू की गई "ई-ग्राम
विश्वग्राम रकीम'' पूरे देश में लागू की जायेगी।
Þ
ई-भाषा को
बढ़ावा देंगे-राष्ट्रीय मिशन के लिए भारतीय भाषाओं का आईटी में प्रोत्साहित करेंगे।
Þ
एस.सी/एसटी, ओबीसी और दूसरे
कमजोर वर्गों के विकास के लिए, कल्याण के लिए आईटी
से जुड़ा विकास करेंगे।
Þ
भारत की अमूल्य
संस्कृति, कला की विरासत को सुसंस्कमरण देने में आई टी का इस्तेमाल करेंगे इसमें सभी संग्रहालय और पुरालेख
का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा।
Þ
खुला स्रोत और
खुले मानक साफ्टवेयर को वरीयता दी जायेगी.
Þ
सरकार के हर
कार्य की आधार सामग्री तैयार होगी। जिससे भ्रष्टाचार और काम की देरी में कमी
आयेगी।
Þ
तीव्रगति का
डिजिटल हाइवे तैयार होगा जिससे देश को एकता में पिरोया जा सके।
Þ
तकनीक का
इस्तेमाल संचारण और वितरण की हानियों को कम करने में किया जाएगा।
Þ
वित्तीय समावेशन
को बढ़ाने के लिए मोबाइल और ई-बैंकिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। भाजपा का उद्देश्य है
कि हर व्यक्ति कम्प्यूटर शिक्षित व डिजिटली शिक्षित हो। इस लक्ष्य के साथ भारत को
ज्ञान का वैश्विक केन्द्र बनाना है, आईटी इसका प्रमुख ड्राइवर भी होगा और इंजन भी। (प्रमुख सारथी होगा और रथ का पहिए भी)
आज इस देश का नागरिक वर्तमान व्यवस्था से निराश
है। हमारी प्रसाशनिक ढांचा व्यक्ति केन्द्रित, जबाबदेह और परिणाम देने वाला होना चाहिए। इसे ध्यान में
रखते हुए हम इस तरह के सुधारों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
·
प्रशासन और
इसके सदस्य वास्तव में उनको दिए काम के प्रति उत्तरदायी होंगे जिससे कि लोग वृहद विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बन
सकें।
·
बेहतर प्रदर्शन
करने वालों को सम्मानित पुरस्कृत किया जाएगा, जो अच्छा नहीं
कर पाएंगे उन्हें अवसर
और प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे वे बेहतर कर सकें।
·
मंत्रालयों का
तार्किकरण और विलय किया जायगा। विभाग और सरकार की दूसरी शाखाओं को सुनिश्चित किया
जाएगा कि उनका फोकस परिणाम पर हो।
·
सरकार ऐसा
इंतजाम करेगी जिससे कि उद्योगों को शैक्षणिक, सामाजिक रूप से
और दक्ष कुशल लोग मिले।
·
युवाओं के लिए विभिन्न स्तरों पर फेलोशिप और इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरु किए
जायेंगे। जिससे सरकार को उनकी सेवाएं विशेष रूप से मिल
सकें।
·
सबके लिए न्याय
सुनिश्चित कराने के लिए बीजेपी कटिबद्ध है। न्याय वह जो सही समय पर और सहज मिले। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि
देर से मिले न्याय का मतलब है न्याय मिला ही नहीं। लंबित मामलों की बड़ी संख्या को
देखते हुए भाजपा विभिन्न तरीके अपनाएगी जिसे न्यायिक प्रणाली के तहत हम करेंगे।
·
न्यायिक
प्रणाली में सुधार के लिए प्राथमिकता के आधार पर जजों की नियुक्ति की जाएगी। रिक्त
पद भरे जाएंगे, नये कोर्ट खुलेगें, एक एकसी
प्रणाली विकसित की जाएगी।
·
जिससे विभिन्न
स्तरों पर लंबित मामलों का निपटारा हो।
·
मिशन की तरह एक
प्रोजेक्ट चलाया जाएगा जिससे न्यायपालिका में रिक्त पदों को भरा जाए। अदालतों की
संख्या और निचली अदालतों में जजों की संख्या दोगुनी की जाएगी।
·
उच्च अदालतों
में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा।
·
कोर्ट की
क्षमता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कोर्ट के आधुनिकीकरण के लिए एक फंड होगा।
·
अलग से विशेष
अदालतों का गठन किया जायेगा जिन में वाणिज्य सम्बन्धी कानून के मामलों का द्रुतगति
से निपटारा किया जायेगा।
·
अलग तरीके की
कोर्ट बनाई जाएगी जिसमें विशेष वाणिज्यिक कानूनों की जरूरत होगी। जिससे ऐसे मामले द्रुत गति से निपटाए जा सकें।
·
आपराधिक
न्यायप्रणाली में सुधार किया जाएगा जिससे तुरंत और प्रभावी ढंग से न्याय | मिलना
सुनिश्चित हो सके। इस विषय पर पहले की रिपोर्ट में सुझाव आ चुके हैं इनका परीक्षण
करने के बाद यह तय होगा।
·
पूरे देश के
न्यायालयों का कम्प्यूटरीकरण करने की शुरुआत की जाएगी। न्यायिक प्रणाली के सभी
स्तरों पर द्रुतगति अदालतों का गठन किया जाएगा। लोक अदालत और न्यायाधिकरण जैसी
प्रणाली भी विकसित की जाएगी जिससे
·
विवादास्पद
मुद्दों को वैकल्पिक तरीके से निपटाया जा सके। नैशनल लिटिगेशन पॉलिसी बनाई जाएगी
जिसका ध्येय लंबित मामलों को कम समय में निपटाने
पर जोर होगा।
·
अगले 5 साल में सरकार
ने जो याचिका दायर की है उन मामलों की संख्या समीक्षा बैठकों के बाद तार्किक तरीके से कम की जायेगी।
·
समय-समय पर
कानूनों की समीक्षा होगी और पुराने अप्रचलित कानूनों को हटा दिया जाएगा।
·
आईपीआर केसों
को निपटाने के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएंगी।
·
विवादों के
वैकल्पिक निपटारे का तंत्र विकसित करने के लिए विशेष रूप से प्रयास किया जाएगा जैसे लोक अदालत, न्यायाधिकरण और
समझौता केन्द्र।
·
वकीलों के
सशक्तिकरण के लिए एक विशेषीकृत राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय बनाया जायेगा। न्यायपालिका में
लिंग भेद कम करने के लिए वकालत व न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
·
कानून में
सहायता देने वाली विशेषीकृत विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी जो फोरेंसिक, पंचफैसला
(अर्बिट्रेशन) बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों में
विशेषता हासिल कराएगी।
·
भारत को
पंचफैसला और विधिक प्रक्रिया आइटसोर्सिग का केन्द्र बनाया जाएगा। इसके साथ-साथ
कानूनी तंत्र में इस तरह का सुधार किया जाएगा कि वह आम आदमी को सहज तरीके से
उपलब्ध हो।
·
जो दुरुह या
कठिन कानून है उन्हें आसान या सरल बनाने के लिए विस्तार से उसकी समीक्षा की जाएगी।
ऐसे कानून जिनका दोहररीकरण हो रहा हो, विरोधाभाषी और अव्यावहारिक हों उन्हें समाप्त किया जाएगा।
·
एक संस्थानिक
प्रणाली बनाई जाएगी जो समय-समय पर हमारे कानूनों की समीक्षा करेगी और इन्हें बेहतर बनाने में सुझाव देगी।
·
कानूनी प्रक्रिया
और भाषा को आसान बनाया जाएगा।
·
ऐसी व्यवस्था
की जाएगी जिसमें कानूनी जानकारी सबको मुफ्त उपलब्ध हो।
·
कानून की
जानकारी देने के लिए जगरुकता अभियान चलाए जाएंगे और इसे स्कूल के पाठ्यक्रम में भी
शामिल किया जाएगा। जिससे आम आदमी अपने अधिकार और कर्तव्यों के बारे में जागरुक हो सके।
·
हमारी पुलिस
कानून व्यवस्था को बनाए रखने की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभाती है। यह हमारे लोकतंत्र का एक केन्द्रीय खंभा है, हम राज्यों के
साथ मिलकर उन्हें अधिकार देकर सशक्त बनाएंगे, उन्हें आवश्यक
स्वतंत्रता और संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
·
एक ऐसी विस्तृत
रणनीति तैयार करेंगे जिससे भारतीय पुलिस अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हो सके।
·
पुलिस बल की
क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी।
·
पुलिस का
आधुनिकीकरण किया जाएगा, उन्हें आधुनिकीकृत तकनीक से लैस किया | जाएगा।
·
खुफिया सूचनाओं
के आदान-प्रदान और अपराध के नियंत्रण के लिए पूरे देश के थानों को जोड़ने की शुरुआत की जाएगी।
·
जांच को मजबूत
करने के लिए प्रक्रिश को आसान, पारदर्शी, साफ स्वच्छ और निर्णायक बनाया जाएगा। इससे अवैध तरीके से जांच को प्रभावित
नहीं किया जा सकेगा और भोले व्यक्ति को सुरक्षा कवच मिलेगा।
·
सतत् प्रशिक्षण, विशेषकर कौशल
विकास के जरिए जांच में विशेषीकृत दक्षता विकसित की जायेगी।
·
खुफिया तंत्र
का पूरी जांच-परख के बाद नवीनीकरण किया जायगा। मानवीय और | तकनीक चीजों के
एकीकरण और समन्वय करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वास्तविक समय के अनुसार इसे
संपूर्णता में पिरोया जाएगा। इसमें विशेष और कार्य योग्य तत्व डाले जाएंगे।
·
तकनीक और
बुनियादी सुविधाओं के साथ जेल व्यवस्था, कैदियों की व्यवस्था या जेल तंत्र का आधुनिकीकरण किया
जाएगा। इनकी सुरक्षा बढ़ाई जाएगी इसमें मानवाधिकार और उसके सही दिशा का ध्यान रखा जाएगा।
·
एक समान
राष्ट्रीय मानक और क्रमाचार बनाने के क्षेत्र में काम किया जाएगा।
·
पुलिस को
प्रशिक्षित किया जाएगा उसे ऐसी तकनीक दी जाएगी कि वह साइबर अपराध समेत तमाम अपराधों पर लगाम लगाने में सक्षम हो।
·
तटीय पुलिस
व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए समुद्र के किनारे बसे राज्यों को चर्चा के लिए एक साझा मंच उपलब्ध कराया जाएगा।
·
तटीय पुलिस
व्यवस्था पर चचा करने के लिए समुद्र के किनार यस राज्य का चचा क। | लिए एक साझा
मंच उपलब्ध कराया जाएगा।
·
सामुदायिक
पुलिस व्यवस्था के सदियों पुराने तौर-तरीकों पर आज की परिस्थिति के अनुसार
पुर्नव्याख्या कर ऐसे रास्ते ढूंढे जाएंगे जिसमें पुलिस जनता के करीब जा सके।
इनमें विश्वास और मित्रता का भाव पैदा हो । दोनों मिलकर आम लोगों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए काम कर सकें।
·
पुलिस कर्मियों
की कार्य दशाओं को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
· भाजपा चुनाव
सुधार करने के लिए कटिबद्ध है जिससे अपराधियों को राजनीति से बाहर किया जा सके।
भाजपा दूसरे दलों के साथ विचार विमर्श करके ऐसा तरीका बनाना चाहती है जिससे
विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ-साथ हों। इससे सरकार और राजनैतिक दलों का खर्च कम
होगा। इससे राज्य सरकार में थोड़ी स्थिरता आएगी। हम चुनाव में खर्च की सीमा में
बदलाव लाना चाहते हैं।
भारत के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जो ऐतिहासिक रूप से सुविधाहीन
हैं, असंतुलित विकास दृष्टिकोण और संसाधनों के अनुचित वितरण होने
के कारण, वे देश के दूसरे भागों से सामाजिक आर्थिक रूप से कटे रहते
हैं। जबकि उनके पास प्राकृतिक संसाधन और प्रतिभा भरपूर होती है। इसी के साथ हमारी
आबादी का लाभ भी वास्तविक तरीके से ठीक नहीं हुआ है। वह सरकार की जिम्मेदारी है कि
हर भारतीय को अपनी क्षमता का अहसास हो और विकास की धारा समान रूप से बहे। हम इसके
लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सुनिश्चित करायेगे-
·
प्रत्येक
भारतीय स्वास्थ्य और शैक्षिक दृष्टि से मजबूत हो।
·
रोजगार के
अवसरों को बढ़ावा हमारे आर्थिक मॉडल का केन्द्र बिन्दु होगा।
·
सभी के लिए
बुनियादी सुविधाएं, घर बिजली, पानी, शौचालय व अन्य चीजें उपलब्ध कराएंगे।
हमारी सरकार गरीब, हासिए पर पड़े
लोगों और पीछे रह गए लोगों की होगी। प्रत्येक भारतीय उतना अधिकार रखता है जितना
भारत के पास है। इसे देखते है उसे या उन्हें अपने सपने बुनने का अधिकर है कल के
भारत में ऐसे 125 करोड़ ऐसे सपने होंगे और हम उन सपनों को पूरा करेंगे। हम
अपने नागरिकों को केवल सपने देखने लायक ही नहीं बनाएंगे हम ऐसा इंतजाम करेंगे कि
अपने सपने को पूरा करने में सक्षम हो सके।
·
विकास की
प्रक्रिया का सबसे अछा फल वही है जिससे आम आदमी को खुशी मिले। वृद्धि और विकास का
फल आवश्यक रूप से अतिनिर्धन, अति पिछड़े और हाशिए पर पड़े लोगों को मिलनी चाहिए। हम
अन्त्योदय की अवधारणा में विश्वास करते हैं जिसमें गीब को ऊपर उठाना है। अतिशय
गरीबी और कुपोषण की समस्या को राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिकता से हल करना है. इसे हम
मिशन के तरीके से लांएगें.
·
गरीबी दूर करने
के प्रोगाम और मजबूती से चलाएंगे। इसे एकीकृत, परिदार्शिता और गुणवत्ता के माध्यम
से।
·
देश के 100 अति
पिछड़े जिलों की पहचान की जाएगी। एकीकृत विकास के ढांचे में लेकर इन्हें दूसरे
जिलों के समकक्ष बनाया जाएगा।
·
प्राकृतिक
आपदाओं से बचने की व्यवस्था का आधार बनाकर प्राकृतिक संसाधनों को समृद्ध बनाया
जाएगा।
·
गांवों में
कृषि व दूसरे कार्यों में लगे गरीब लोगों को कुछ अर्जित करने लायक बनाया जाएगा।
·
शहर में रहने
वाले गरीबों का इस तरह की क्षमता विकसित की जाएगी जिससे वे अवसरों का लाभ उठा सकें।
·
सरकार के हर
स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, सिविल सोसायटी, आकदमिक और वित्तीय संस्थान मिलकर गरीबी मिटाने का काम
करेंगे।
भाजपा का हमेशा से मानना रहा है कि सार्वभौमिक खाद्य
सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है। भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए कदम
उठाएगी कि इन योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचे और भोजन का अधिकार सिर्फ कागज पर
बना एक कानून या राजनीतिक नारा न रह जाए। भाजपा राज्यों के साथ मिलकर सभी कानूनों
और योजनाओं की समीक्षा करेगी ताकि खाद्य सुरक्षा के अष्टाचार मुक्त प्रभावी
कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके। ये हमारी प्राथमिकता होगी ।
Þ
सफल पीडीएस
मॉडल की समीक्षा और वर्तमान में चल रही सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बदलाव जिससे
आम आदमी को लाभ मिले।
Þ
कुपोषण और भोजन
की कमी की समस्या पर ध्यान
Þ
दाल, तेल और
खाद्यान्न के उत्पादन को बढ़ावा देना।
Þ
फूड कॉरपोरेशन
ऑफ इंडिया के ढांचे में आमूल चूल बदलाव में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा या
बाह्यसंकट से निपटने के लिए आकरिमक स्टॉक का भंडारण।
Þ
गैर सरकारी
संगठनों का कम्युनिटी किचन में भागीदारी सुनिश्चित करना।
भाजपा सामाजिक समरसता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का
पालन करने के लिए कटिबद्ध है। पार्टी इसमें आ रही दूरी पर पुल बनाना चाहती है। यही
सामाजिक न्याय आगे चलकर आर्थिक न्याय और राजनीतिक सशक्तिकरण दिलाता है। इनके नाम
पर राजनीति करने की अपेक्षा हम सामाजिक दबे कुचले लोगों के सशक्तिकरण पर फोकस
करेंगे। इसके लिए हम ऐसा वातावरण बनाएंगे जिसमें सबको शिक्षा, स्वास्थ्य और
जीवन स्तर का समान अवसर मिले। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता इन्हें सुरक्षा प्रदान
करने की है, विशेषकर एससी/एसटी के लिए भेदभाव को देखते हुए।
हमें इस बात का विश्वास है कि सामाजिक न्याय की तीव्रगति और
एकीकृत विकास ही हमारे देश के प्रगति की कुंजी है और लोकतंत्र की सफलता है सामाजिक
न्याय और सामाजिक समरसता के बीच जो दीवार खड़ी हो गई है बीजेपी उस दीवार को तोड़ने
के लिए कटिबद्ध है। हम केवल इनके नाम पर राजनीति नहीं करते, एससी/एसटी, ओबीसी और दूसरे
गरीब तबके के लोगों के खिलाफ किसी तरह का अन्याय बर्दास्त नहीं होगा। भाजपा इनके
लिए वास्तविक विकास और सशक्तिकरण पर ध्यान देगी।
Þ
ऐसा वातावरण
तैयार किया जाएगा जिसमें एससी/एसटी ओबीसी और दूसरे गरीब तबकों को प्रथमिकता के आधार पर शिक्षित और
उद्योगपति बनेंगे।
Þ
भाजपा हर स्तर
पर छुआछूत और अश्पृश्यता खत्म करने के लिए कटिबद्ध है।
Þ
भाजपा ऐसे
लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने के लिए अधिक प्रभावी प्रयास करेगी। भाजपा यह सुनिश्चित करेगी कि एससी/एसटी और
ओबीसी के लिए जिस फंड की व्यवस्था की गई है उसका
बेहतर तरीके से उपयोग हो।
Þ
इनके घर, शिक्षा, स्वास्थ्य और
स्किल डेवलेपमेंट के लिए एक मिशन चलाया जाएगा। इस सोसाइटी के बच्चों, विशेषकर
बालिकाओं के शिक्षा स्वास्थ और दक्षता के पढ़ाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
आदिवासियों का विकास एक बड़ा मुद्दा होगा। भाजपा का विशवास
है कि बिना दिल के थोड़ा-थोड़ा और टुकड़ों-टुकड़ों में विकास से आदिवासियों का
कल्याण नहीं होगा। इसलिए भाजपा वनवासी लोगों को सशक्त बनाने और उनका कल्याण
सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक और समावेशी रणनीति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हमारा लक्ष्य आदिवासियों का कल्याण सुनिश्चित करना है लेकिन इस समुदाय विशेष पहचान
को सुरक्षा करते हुए। गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारें आदिवासी कल्याण की
योजनाएं सफलतापूर्वक चला रही हैं इनके मॉडल और योजनाओं को आदिवासियों के कल्याण और
विकास में इस्तेमाल हो सकता है।
राष्ट्रीय स्तर पर वन बंधु कल्याण योजना शुरु की जाएगी जो
आदिवासी कल्याण अथॉरिटी के तहत काम करेगी। इस स्कीम से इन बिंदुओं पर फोकस होगा।
Þ
आदिवासियों के
लिए एक शैक्षिक प्रणाली विकसित की जाएगी।
Þ
घर, पानी और
स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
Þ
आदिवासी इलाकों
में बिजली मुहैया कराई जाएगी सभी मौसम में चलने लायक सड़कें में होंगी।
Þ
नई आर्थिक
गतिविधियां शुरु की जाएंगी।
Þ
आदिवासियों के
परंपरागत उत्पादों को प्रमोशन के लिए पर्यटन वाली जगहों और दूसरी जगहों पर आदिवासी बाजार (ट्राइबल हाट) खोले
जाएंगे।
Þ
यह सुनिश्चित
किया जाएगा कि आदिवासी अपनी भूमि से जुदा न हो।
Þ
जंगल से निकलने
वाले उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाया जाएगा।
Þ
आदिवासियों की
संस्कृति और भाषा को संरक्षित करे के लिए आदिवासी शोध एवं संस्कृति के राष्ट्रीय
संख्या की स्थापना की जाएगी। (नेशनल सेंटर फॉर ट्राइबल रिसर्च एंड कल्चर) में आदिवासियों के विकास और कल्याण के लिए
फंड में बड़ोत्तरी की जाएगी।
भाजपा का विश्वास है कि भारत विभिन्नता में एकता वाला देश
है और यही इसकी सबसे बड़ी क्षमता है। हम देश की गहराई और भारतीय सोसायटी की
भिन्नता इसे मजबूत बनाती है। हम इसका महिमामंडन करते हैं ओर एमदम करते हैं। भाजपा
इस समृद्ध संस्कृति को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और अल्पसंख्कों से जुड़े उन
स्मारकों को भी, इसके साथ ही उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण करना चाहती
है। यह दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी अल्पसंख्सकों का एक
बड़ा समूह विशेषकर मुस्लिम समुदाय लगातार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है।
आधुलिक भारत समान अवसर वाला होना चाहिए। भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
है कि भारत के विकास में सभी समुदाय की समान भागीदारी होनी चाहिए। हमारा विश्वास
है कि अगर कोई समुदाय पीछे छूट गया तो भारत प्रगति नहीं कर सकता। हम करेंगे-
Þ
हम यह
सुनिश्चित कराएंगे कि युवा, विशेषकर लड़कियों को शिक्षा मिले और बिना किसी भेदाभाव को नौकरी मिले।
Þ
अल्पसंख्यक
शैक्षणिक व्यवस्था और संस्थानों को सशक्त एवं आधुनिक बनाया जायेगा। उन्हें आधुनिक आवश्यकताओं से जोड़ेंगे। राष्ट्रीय
मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा।
Þ
उनके जीवन स्तर
को ऊपर उठाना और उद्योग के क्षेत्र में सुविधाएं उनलब्ध कराई जाएंगी।
Þ
उनको कलात्मक
समृद्ध परंपरा और औद्योगिक क्षमता को जो हमारी छोटे उद्योगो की रीढ़ है। इसे
क्षेत्र को बेहतर बाजार उपलब्ध कराकर मजबूत बनाया जाएगा। इनकी बैंडिंग की जाएगी और
बिक्री बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। धार्मिक नेताओं से बातचीत करके वक्फ बोर्ड को और
मजबूत किया जाएगा। ऐतिहासिक जगहों की संरक्षण और मेंटिनेंस रखरखाव किया जाएगा। ६
शातिपूर्ण और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाएगा जहां न तो शोषण का छर रहेगा और न
ही तुष्टिकरण का।
Þ
इंटरफेस
कंसल्टेंटिव मेकेनिज्म–आंतरिक रूप से विश्वसनीय प्रणाली बनाई जाएगी। जिससे आपसी
विश्वास व भाईचारे का माहौल बना रहे, यह धार्मिक नेताओं की देखरेख में इसका काम होगा।
भारत एक विशाल मध्यवर्ग वाला देश है जिसमें योग्यता भी है
और खरीदने की क्षमता भी। इसके अतिरिक्त एक नये वर्ग का उदय हो रहा है। वे लोग जो
गरीबी से ऊपर उठे व अंश मध्य वर्ग में आए अब नव मध्यवर्ग में है, यह वर्ग बहुत
तेजी से हासिल करना चाहता है। यह गरीबी से निकल चुका है इसकी हसरतें बढ़ गई हैं।
उन्हें सुविधाएं चाहिए और स्टेंडर्ड सेवाएं। ऐसे लोगों को महसूस होता है कि सरकारी
सुविधाएं उनके स्तर की नहीं है और ऐसे में ये लोग निजी क्षेत्र की तरफ शिक्षा
स्वास्थ्य और परिवहन के लिए देखते हैं। निश्चित रूप से यह महंगी पड़ती है।
नव मध्य वर्ग हमेशा दुविधा में रहता है। अधिक से अधिक लोग
इस क्षेत्रों में जा रहे हैं। उनकी अपेक्षा है कि उन्हें अच्छी से अच्छी सेवा
मिलनी चाहिए। हम पब्लिक सेक्टर को इतना मजबूत करेंगे कि वह हमारे नागरिकों का
दक्ष-प्रभावोत्पादक सेवा दे सके। सरकार इन सबका यान रखते हुए ये उपलब्ध कराएगी।
Þ
शैक्षिक छात्रवृत्ति
और शैक्षिक सुविधाएं
Þ
स्वास्थय बीमा
और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं
Þ
मध्य आय इनकम
वाले घर
Þ
प्रभावी
सार्वजनिक परिवहन प्रणाली
हमारी 2/3 जनसंख्या गांवों में रहती है सुविधाओं की कमी और काम के
अवसर की कमी से हमारी ग्रामीण जीवन को बांध दिया है। यह समस्या इसलिए दिखाई दे रही
है क्योंकि इस क्षेत्र की वर्षों से अनदेखी की गई। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के
लिए ग्रामीण उत्थान कार्यक्रम चलाया जाएगा। जिसमें कार्मिक आर्थिक और सामाजिक
कल्याण ग्रामीणों को देखा जाएगा।
टर्बन का का विचार जिसमें शहरी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों
में प्रदान की जाएंगी। इसमें गांव की आत्मा को बचाए रखते हुए।
कृषि, ग्रामीण विकास और गरीबी रेखा से निकालना हाथ के हाथ होगा।
मुख्य लक्ष्य होगा ग्रामीण विकास का उसमें गांव की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा
देना, रोड, पीने का पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, वितरण प्रणाली, बिजली, ब्राडबैंड, नौकरी की उम्मीद, ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा और इसे बाजार से जोड़ना मुख्य
होगा।
Þ
एक तिहाई से
अधिक आबादी शहरों और टाउन में रह रही है इसमें शहरी क्षेत्र में इनमें से आधे लोग
रहते हैं। हमारी शहरों में गरीबी और दूसरी समस्याएं नहीं दिखनी चाहिए। यह दक्षता
तेजी और तीव्रता के प्रतीक हैं।
Þ
हम शहरीकरण को एक
अवसर के रूप में देखते हैं न कि समस्या की तरह।
Þ
शहरी क्षेत्र
को और ऊपर उठाने के लिए परिवहन और हाउसिंग के क्षेत्र में और कदम उठाने हांगे।
Þ
हम 100 नए शहर बसाने
की शुरुआत करेंगे। जो नवीन तकनीक और बुनियादी सुविधाएं
Þ
बुनियादी
सुविधाएं इस तरह की बनाई जाएगी जिससे सतत विकास की धारणा मजबूत हो जिसमें चलते-चलते काम हो जाए और इसमें विशेष क्षेत्रों
पर फोकस किया जाएगा।
Þ
शहरी विकास
एकीकृत परिस्थिति निकायी पर आधारित होगा जिसमें जुड़वा शहर और सेटेलाइट टाउन बनाए जा सकेंगे।
Þ
वर्तमान शहरी
क्षेत्र को बेहतर बनाया जाएगा इसमें बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने पर ध्यान
दिया जाएगा जहां पर स्वच्छ और स्वस्थ्य जीवन के लिए कूड़ा और पानी प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा।
Þ
सफाई और
स्वच्छता हमेशा प्राथमिकता में होंगे, सक्षम कूड़ा निस्तारण और पानी प्रबंधन की व्यवस्था होगी। मॉडल टाउन एकीकृत कूड़ा निस्तारण
प्रणाली से पहचाने जाएंगे।
Þ
वाई-फाई सुविधा
सार्वजनिक स्थानों और व्यापारिक संस्थानों के पास उपलब्ध रहेगी।
Þ
शहर की गरीबी
दूर करना मूल मूल्य होगा।
Þ
तकनीक का
इस्तेमाल वैज्ञानिक रणनीति और बेवी अवधि की प्लानिंग बनाने में होगा इसमें GIS आधार पर मैपिंग
होगी।
Þ
बेहतर
सर्वाजनिक परिवहन प्रणाली विकसित की जाएगी जिससे निजी वाहन के प्रयोग के
हतोत्साहित किया जाए।
आगे की छलांग
हमें इसी पीढ़ी को एक विकसित देश का आस्वादन कराना है। हमें
एक मात्रात्मक एवं गुणात्मक छलांग लगानी है। त्वरित प्रतिक्रियावादी और उत्तरोत्तर
परिवर्तन का वक्त बीत गया है। हमें लंबी छलांग लगाने एवं पूर्ण परिवर्तन की जरूरत
है। हम यह भी मानते हैं कि विकास संपूर्ण समस्प एवं सर्वव्यापी होना है। फिर, हमें यह भी
देखना है कि जो कुछ भी हो रहा है उसमें लोगों की सक्रिय भागीदारी हो और हम उन्हें
इतना सशक्त बनाए कि वे विकास प्रक्रिया का लाभ लें। हम प्रयास करेंगे कि सरकार उन
तमाम सेवाओं से अपने हाथ खींच ले जो दूसरों के द्वारा की जा सकती हैं और वह अपना
अतिरिक्त समय, धन और ऊर्जा सामाजिक क्षेत्रों, खासतौर पर कमजोर
तबकों के विकास के लिए लगाए और हमारे तमाम विचारों एवं प्रयासों में एक साझा धागा
होगा। यह साझा धागा टैक्नॉलाजी (प्रौद्योगिकी) का हैशासन को सरल, मितव्ययी एवं
प्रभावी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
भारत हमेशा से ही एक परस्पर ख्याल रखने वाला समाज रहा है।
बुजुर्गो कमजोरों और निस्सहायों की मदद करना हमारी संस्कृति में रहा है। हमें इसे
बनाए रखना है। हमें अपनी युवा पीढ़ियों को
इस बारे में शिक्षित करना है। सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को ज्यादा
अर्थपूर्ण बनाना होगा। जब हमारा सामना कमजोर समाजिक आधारभूत ढांचे से होता है तो
हमारी आकांक्षाएं पस्त हो जाती हैं। हमें इसकी दैनिक आधार पर जरूरत है।
“एक समाज की आत्मा इससे ज्यादा और किसी बात से परिलक्षित नहीं होती कि वह अपने बच्चों को किस तरह ख्याल रखता है।''
-नेल्सन मंडेला
बच्चों के कल्याण से जुड़े संकेतक राष्ट्र की प्रगति के
संकेतक होते हैं, चाहे बच्चों की सेहत शिक्षा या उनकी सुरक्षा से जुड़ मामला
हो। यूपीए शासन के अंतर्गत इसे सुमुचित तबज्जो नहीं दी गई। भाजपा बच्चों से जुड़े
मामलों, जैसे कुपोषण बाल मजदूरी की समस्या बाल तस्करी एवं बच्चों की
गुमशुदगी, यौन शोषण, स्कूल छोड़ना एवं किशोरों के बीच अपराध की बढ़ती दर के
समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। बच्चों की अस्तित्व रक्षा, विकास, भागीदारी एवं
सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भाजपा निम्न कदम उठाएगी।
Þ
दुर्बल बच्चों
और खास तौर पर अनुसुचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गो, विस्थापितों, झुग्गीवासियों, फुटपाथ पर रहने
वालों एवं विकलांगों जैसे कमजोर समुदायों
के बच्चों पर विशेष जोर देगी।
Þ
शिक्षा का
अधिकार, खाद्य अधिनियम का अधिकार के प्रभावी कार्यान्वयन को
सुनिश्चित करेगी।
Þ
बाल एवं किशोर
श्रम (निवारण एवं विनियमन) कानून, 2012 तथा एकीकृत बाल सुरक्षा योजना (आईसीपीएस) की समीक्षा करेगी, संशोधन करेगी
और सुदृढ़ बनाएगी।
Þ
रक्ताल्पता के
मसले का समाधान करने के लिए संकेन्द्रित प्रयास करेगी। में शिक्षा की गुणवत्ता से
बगैर समझौता किए बच्चों पर किताबों का बोझ कम करेगी।
Þ
बच्चों में
मूल्यों की प्रतिस्थापना के लिए काम करेगी।
Þ
भाजपा वरिष्ठ
नागरिकों के कल्याण विशेषकर उनकी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की देखभाल के लिए
प्रतिबद्ध है। वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े मसलों से निपटने के लिए हम संगठित तरीके
से कदम उठाएंगे।
Þ
भाजपा उन्हें
वित्तीय समर्थन प्रदान करेगी। इसके लिए वह अतिरिक्त कर लाभागों एवं उच्च व्याज
दरों जैसे उपायों पर गौर करेगी।
Þ
भाजपा
वृद्धाश्रमों की स्थापना करने और उन्हें बेहतर बनाने में निवेश करेगी।
Þ
भाजपा
राष्ट्रीय हित में उनके अनुभव का उपयोग करेगी। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में
सरकार के विविध विकास कार्यक्रमों में वरिष्ठ नागरिकों को कार्यकर्ताओं आंशिक
कामगारों के तौर पर शामिल करने के लिए योजनाएं एवं कार्यक्रम बनाएगी। इससे न केवल
उनके समय का उपयोग करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह उनके अनुभव का एक प्रभावी उपयोग भी होगा और यह
उनके लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत भी हो सकता.
करीब 7 करोड़ लोग विकलांगता से पीड़ित हैं, और भाजपा इसे
एक गंभीर अनदेखी मानती है। विकलांग लोगों का कलयाण और पुनर्वास एक देखभाल करने
वाले समाज और एक उत्तरदायी सरकार के हमारे दृष्टिकोण का एक अभिन्न भाग है। भाजपा
निम्न बातों के लिए प्रतिबद्ध है-
अन्य तौर पर योग्य विद्यार्थियों को घर में ही ई-लर्निग के
जरिए कम खर्च में गुणवत्ता वाली
शिक्षा प्रदान करना यानि विकलांग विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का
इस्तेमाल करना।
देश भर में प्रतयेक एवं विशेष जरूरतमंद व्यक्ति की पहचान
करना। इसके लिए एक वेब आधारित विकलांगता पंजीकरण प्रणाली शुरु करना और तमाम सरकारी
लाभों (स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन, रोजगार, शिक्षा आदि) के लिए सार्विक पहचान पत्र (यूनिवर्सल आईडी)
जारी करना।
सार्वजनिक सुविधाओं, सार्वजनिक
भवनों एवं परिवहन तक विकलांगों की सुविधा के हिसाब से पहुंच सुनिश्चित करना।
विकलांगों के लिए अधिकतम आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
इस वास्ते उनके लिए ज्यादा आय प्रदान करने वाले काम पैदा करना.
विकलांगों के कल्याण के लिए काम करने वाले स्वयंसेवी
संगठनों को समर्थन एवं सहायता प्रदान करना।
विकलांग की देखभाल करने वाले पारिवारिक सदस्य के लिए उच्च
कर राहत प्रदान करना।
युवाओं, मेरी उम्मीद आपसे है। क्या आप अपने देश की पुकार सुनेंगे? अगर आप मुझ पर
विश्वास करने का साहस करें तो आपमें से प्रत्येक का एक शानदार भविष्य है।
“अपने में प्रचुर विश्वास रखें, वैसा ही विश्वास जैसा कि मेरे अंदर बचपन में था, और जैसा कि मैं मन रखते हुए काम कर रहा हूं। आपमें से प्रत्येक यह भरोसा रखें कि हरेक आत्मा में वह शाश्वत शक्ति निहित है- और आप पूरे देश को पुनर्जीवित कर देंगे।"
-स्वामी
विवेकानन्द
भाजपा युवाओं को देश की सबसे उत्पादक संपदा मानती है। देश
को दहाई अंकों की विकास दर प्रदान करने में युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
युवाओं के प्रभुत्व वाले तमाम क्षेत्र अत्यधिक अच्छा कर रहे हैं। भारत सबसे पुरानी
सभ्यता है, लेकिन सबसे युवा मुल्क है और इसलिए आवश्यकता है कि नीतियां
ऊर्जा के अनुभव के समुचित सम्मिश्रण पर आधारित होनी चाहिए, ताकि युवा
विकास प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा बनें। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं कि हम
नीतियों की समीक्षा करेंगे और उनमें सुधार करेंगे ताकि युवा निर्णय प्रक्रिया में
और राष्ट्र निर्माण लेने वाले निकायों में युवाओं की सक्रिय भागीदारी हो।
Þ
हम तमाम
क्षेत्रों में युवा नेता कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इसका मकसद अतिरिक्त रूप से प्रतिभावान युवाओं की पहचान करना, उन्हें
पुरस्कृत करना और उन्हें विकास प्रक्रिया में शामिल करना है ताकि वे दूसरों के लिए
रोल मॉडल और मार्गदर्शक बनें।
Þ
राष्ट्रीय युवा
सलाहकार परिषद की स्थापना करना।
Þ
नए प्रयोगों, आविष्कारों एवं
उद्यमशीलता को प्रोत्साति करने के लिए भाजपा देश भर में जिला स्तर पर कार्यक्रम चलाएगी।
Þ
विद्यार्थियों
को ऋण देने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और ऋणों को वहनीय बनाया जाएगा।
Þ
पूरे भारत में
पड़ोसी बच्चों/युवाओं की संसद की स्थापना करना ताकि जीवंत विद्यार्थी समितियां
बने।
Þ
विकास के लिए
युवा कार्यक्रम की शुरुआत
भाजपा समाज में और तमाम आयु वर्गों के लिए खेल-कूद के महतव
को समझती है। खेल-कूद का फिटनेस, अच्छी सेहत एवं उत्पादकता से सीधा ताल्लुक है। भारत ने
खूल-कूद में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। उसे खेल-कूद के संवर्धन के लिए संगठित
तरीके से निवेश करने की जरूरत है।
Þ
भाजपा तमाम
खेलों-पारंपरिक एवं आधुनिक का संवर्धन करेगी।
Þ
खेलकूद के लिए
ज्यादा धन आवंटित किए जाएंगे और हम खेल-कूद को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी निभाने
में राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करेंगे।
Þ
स्कूल स्तर पर
खुलकूद की संस्कृति पनपाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। एक स्वस्थ जीवनशैली विकसित
करने और खेल-कूद को स्कूल पाठ्यक्रम का निवार्य हिस्सा बनाने के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाई जाएगी और समुचित
प्रशिक्षण दिया जाएगा।
Þ
एक राष्ट्रीय खेलकूद
प्रतिभा खोज प्रणाली शुरु की जाएगी, ताकि असाधारण खेल
प्रतिभाओं को बेहद कम उम्र में ही पहचान लिया जाए।
Þ
ऐसे प्रतिभावान
लड़कों एवं लड़कियों को विशेष प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा। मौजूदा ग्रामीण खेलकूद
कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय महिला खेलकूद महात्सवों को विस्तृत किया जाएगा ताकि
उन्हें हरेक गांव में पहुंचाया जाए और प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें विकसित और
श्रेष्ठ बनाया जाए।
Þ
खिलाड़ियों के
लिए आकर्षक कॅरियर योजना बनाने की जरूरत है। इसके लिए उन्हें सरकारी नौकरियों, सार्वजनिक
उपक्रमों और निजी क्षेत्रों में कॅरियर की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
Þ
देशभर में
खेलकूद अकादमियां स्थापित की जाएंगी।
Þ
खिलाड़ियों की
सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी.
Þ
खेलों एवं
खिलाड़ियों को संरक्षण प्रदान करने के लिए कारोबारी घराने को प्रात्साहित किया
जाएगा.
Þ
तमाम नई रिहायशी
कालोनियों के लिए खेलकूद सुविधाओं को शामिल करना अनिवार्य किया जाएगा।
भाजपा समाज के विकास एवं राष्ट्र की तरक्की में महिलाओं की
महत्वपूर्ण भूमिका को मनाती है और महिलाओं के सशक्तिकरण एवं कल्याण को उच्च
प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा शासित राज्यों ने विविध योजनाओं के
जरिए इसे प्रदर्शित भी किया है। भाजपा यह भी मानती है कि महिलाओं के सशक्तिकरण के
लिए महिलाओं की सुरक्षा एक पूर्व–शर्त है और वह महिलाओं के कल्याण के लिए निम्न कदम उठाएगी-
Þ
सरकार के
अंतर्गत तमाम स्तरों पर महिला कल्याण एवं विकास को उच्च प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। भाजपा संविधान संशोधन के जरिए
संसद एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण
प्रदान करने को प्रतिबद्ध है।
Þ
कन्याओं को
बचाने एवं उन्हें पढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान–बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ छेड़ेगी।
Þ
बालिका समृद्धि, लाडली लक्ष्मी
और चिरंजीवी योजना जैसी पहले की सफल योजनाओं
की सर्वोत्तम बातों को शामिल करते हुए एक व्यापक योजना तैयार करेगी ताकि कन्याओं के प्रति परिवारों में सकारात्मक प्रवृत्ति को बढ़ावा
मिले।
Þ
महिलाओं के
स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक मिशन की तरह कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसमें ग्रामीण, अनुसूचित
जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों की महिलाओं के पोषण एवं गर्भाधान पर विशेष जोर
रहेगा।
Þ
हम प्रशिक्षण
एवं हुनर प्रदान करने के जरिए महिलाओं को समर्थ बनाएंगे। इसके लिए महिलाओं के लिए समर्पित आईटीआई और अन्य आईटीआई में
महिला शाखाओं की स्थापना की जाएगी।
Þ
महिलाओं से
संबंधित कानूनों, खास तौर पर बलाक्तार से जुड़े कानूनों का कड़ाई से कार्यन्वयन किया जाएगा।
Þ
बलात्कार
पीड़ितों की राहत एवं उनके पुनर्वास के लिए धनराशि केन्द्र में बिना उपयोग के पड़ी
हुई है क्योंकि यूपीए सरकार ने इसके इस्तेमाल की प्रक्रिया तय नहीं की है। भाजपा
प्राथमिकता के आधार पर इस काम को अंजाम देगी।
Þ
एसिड हमले की
शिकार महिलाओं के कल्याण के लिए सरकार एक कोष बनाएगी ताकि ऐसी पीड़ितों के इलाज और कॉस्मेटिक सर्जरी के मेडिकल
खर्च को उठाया जाए।
Þ
पुलिस स्टेशनों
को महिलाओं के अनुकूल बनाया जाएगा और विभिन्न स्तरों पर पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी।
Þ
आत्मरक्षा को
विद्यालयीन पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बनाया जाएगा.
Þ
महिलाओं की
सुरक्षा के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का इस्तेमाल किया जाएगा।
Þ
महिलाओं की
जरूरतों के मद्देनजर अखिल भारतीय महिला चलित बैंक की स्थापना की जाएगी।
Þ
महिलाओं के लिए
विशेष हुनर प्रशिक्षण एवं कारोबारी प्रशिक्षण पार्क बनाए जाएंगे। महिलाओं के लिए
विशेष कारोबार सुविधा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
Þ
महिलाओं/कामकाजी
महिला हॉस्टलों के नेटवर्क को विस्तृत किया जाएगा और उन्हें बेहतर किया जाएगा।
Þ
हरेक जिले में
महिलाओं के लिए समर्पित लघु एवं मध्यम स्तरीय उपक्रम स्थापित किए जाएंगे।
Þ
आंगनबाड़ी
कामगारों की कार्य परिस्थितियों की समीक्षा की जाएगी और उनकी पगार बढ़ाई जाएगी।
Þ
संपत्ति के
अधिकारों, वैवाहिक अधिकारों और सहजीवन अधिकारों में किसी भी असमानता को दूर किया जाएगा।
Þ
महिलाओं के लिए
विशेष प्रौढ़ साक्षरता कार्यक्रम शुरु किया जाएगा। इसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित
जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों एवं झुग्गियों की महिलाओं पर विशेष जोर रहेगा।
Þ
यह सुनिश्चित
किया जाएगा कि महिला स्व-सहायता समूहों को निम्न व्याज दरों पर कर्ज उपलब्ध हो।
Þ
गरीबी रेखा से
नीचे की लड़कियों, जनजाति महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
Þ
कन्या भ्रूण हत्या, दहेज बाल विवाह, तस्करी, यौन शोषण, बलात्कार एवं
पारिवारिक हिंसा को रोकने के लिए
समुचित कदम उठाए जाएंगे।
Þ
हम ग्रामीण
भारत में महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता को रूपांतरित करेंगे। इसके लिए हरेक घर में बिजली, पाइप के जरिए
स्वच्छ पानी, धुआं रहित ईंधन एवं शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी।
भाजपा मानती है कि राष्ट्र की तरक्की के लिए शिक्षा सबसे
शक्तिशाली औजार है और गरीबी से लड़ने के लिए सबसे ताकतवर हथियार है। भारत में
शिक्षा को पुनर्जीवित एवं पुनर्गठित किए जाने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढियां
अपनी संस्कृति, धरोहर एवं इतिहास पर गर्व करें और भारत की जीवंतता में विश्वास पैदा हो। तमाम शिक्षार्थियों
के लिए अवसर की समानता एवं सफलता तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास
किया जाएगा। एक ऐसे समरस, समांगी एवं आदर्श समाज की स्थापना की जाएगी जो लोकतांत्रिक
मूल्यों का अनुपालन करे। यह सिर्फ तभी संभव होगा जब शिक्षा राष्ट्रीय अखंडता, सामाजिक जुड़ाव, धार्मिक
भाईचारा, राष्ट्रीय पहचान एवं राष्ट्रभक्ति पर समुचित जोर दे। इस बात
का भी विश्लेषण किया जाना आवश्यक है कि शिक्षा ने व्यक्तियों एवं समाज में नैतिक
एवं मानवीय मूल्यों के लिए कितना योगदान किया।
शिक्षा को लोगों के मस्तिष्क को अंधविश्वासों, घृणा एवं हिंसा
से अवश्य ही मुक्त करना चाहिए और राष्ट्रीय एकता, सामाजिक लगाव
एवं धार्मिक सदभाव को पुख्ता करने का एक महत्वपूर्ण साधन बनना चाहिए। हमारा मकसद
लोगों एवं समाज में नैतिक एवं मानवीय मूल्यों को प्रतिस्थापित करना होना चाहिए।
भारत को एक ज्ञान समाज बनना है और उच्च स्तर के शिक्षित
हुनरमंद श्रमशक्ति से स्पंदित होना है ताकि 21वीं सदी की
चुनौतियों का सामना किया जा सके। इसके लिए ऐसे साहसी एवं कल्पनाशील नेतृव की जरूरत
है जो समुचित नीति बनाए एवं ढांचागत बदलाव करे।
शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं की भारी कमी, शिक्षा एवं शोध
की गुणवत्ता और अधिकतर कोसों से जुड़ी रोजगार परकता की समस्या का समाधान निकालने
को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा को न केवल रोजगारपरकता बढ़ाने वाली होनी
चाहिए बल्कि इसे एक राष्ट्रीय बहु-हुनरोन्मुखी कार्यक्रम चलाकर रोजगार सृजन एवं
उद्यमशीलता पैदा करने वाली बनाना चाहिए।
हम देश में शिक्षा प्रणाली की समीक्षा एवं सुधार करना चाहते
हैं। शिक्षण समुदाय के वेतन ढांचों की समीक्षा एवं सुधार करना चाहते हैं। और सबसे
महत्वपूर्ण हम शिक्षकों (फैकल्टी) की कमी और उससे जुड़े मसलों का समाधान करना
चाहते हैं। व्यवस्था को जनोनुकूल बनाया जाएगा और प्रणाली की विश्वसनीयता को बहाल
किया जाएगा.
शिक्षा में निवेश को सबसे ज्यादा लाभांश मिलता है। शिक्षा
पर सरकारी खर्च को बढ़ाकर जीडीपी का 6 फीसदी किया जाएगा और निजी क्षेत्र को इसमें शामिल कर इसमें
और इजाफा किया जाएगा।
Þ
एनडीए का
प्रमुख कार्यक्रम “सर्वशिक्षा अभियान” इसके काम की ऑडिट के लिए और इसके कार्य प्रदर्शन की सही समय पर सूचना प्राप्त
करने के लिए प्रणाली सीपित की जाएगी। निरक्षरता दूर करने के मकसद से कार्यक्रम को
सुदृढ़ किया जाएगा और इसका विस्तार किया जाएगा।
Þ
माध्यमिक
विद्यालय शिक्षा को सार्विक किया जाएगा और प्रयोगात्मक स्कूल के जरिए हुनर विकास को गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ाया जाएगा
जिसमें खास तौर पर ग्रामीण, आदिवासी एवं मुश्किल इलाकों पर जोर रहेगा।
Þ
स्कूली शिक्षा
की सामग्री एवं प्रक्रिया की पूरी तरह समीक्षा की जाएगी ताकि इसे गव्यात्मक, तनाव मुक्त एवं
उभरती राष्ट्रीय जरूरतों के अनुकूल बनाया जाए।
Þ
लड़कियों को
स्कूल शिक्षा जारी रखने एवं पूरी करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
Þ
बच्चों की
सीखने की परिस्थितियों में डिजिटल विभाजन को और ज्यादा विभाजित करने की इजाजत नहीं
दी जाएगी।
Þ
भिन्न रूप से
योग्य विद्यार्थियों के लिए विशेष शिक्षण-पद्यति विकसित की जाएगा।
Þ
मदरसों के लिए
प्राथमिकता के आधार पर एक राष्ट्रीय आधुनिकीकरण कार्यक्रम शुरु किया जाएगा।
Þ
मध्याह्न भोजन
योजना का प्रबंधन एवं सेवा प्रदान करने के संदर्भ में पुनरुत्थान किया जाएगा।
Þ
हम स्कूली
बच्चों के लिए रोजाना पुस्तकों का बोझ कम करने का तरीका खोजेंगे। इस वास्ते शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल भी
एक मिशन प्रोजेक्ट के तौर पर किया जाएगा।
Þ
स्कूल के
शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को सशक्त बनाने के लिए एक राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी।
Þ
स्कूल जाने
वाले बच्चों का दृष्टिकोण विस्तृत एवं व्यापक करने के लिए एक बहु-देशीय विद्यार्थी आदान-प्रदान कार्यक्रम की शुरुआत की
जाएगी।
Þ
विद्यार्थियों
की संरचनात्मक प्रतिभाओं को पहचाना जाएगा और प्रोत्साहित किया जाएगा.
उच्च एवं पेशेवर शिक्षा का मूल मकसद सिर्फ समाज के समृद्ध
क्षेत्र का तीव्र विकास करना नहीं है कि पंक्ति के सिर में ले व्यक्ति की किस्मत
भी सुधारना है.
Þ
पाठ्य सामग्री
इस तरह तैयार की जानी चाहिए ताकि वह विद्यार्थियों को मौजूदा चुनौतियों को समाझने
एवं तीव्र गति से बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप अपने को ढालने में समर्थ बना
सके। नीतिगत आधार पर से तत्व शामिल किए जायेंगे.
Þ
शिक्षकों की
धुरीगत भूमिका को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की कार्य संस्कृति में बदलाव किया जाएगा ताकि
प्रतिबद्ध एवं कार्य-प्रदर्शन करने में समर्थ शिक्षक
तैयार किए जाएं।
Þ
भौतिक एवं
मानव-श्रम संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
Þ
उद्योग (लघु
एवं मध्यम दर्जे के उपक्रम समेत), अकादमिक क्षेत्र एवं समुदाय के बीच करीबी संवाद एवं सम्पर्क
के लिए एक प्रणाली स्थापित की जाएगी।
Þ
तमाम क्षेत्रों
की भविष्य की जरूरतों की पहचान करने के लिए आवश्यकता आकलन कार्यक्रम चलाया जाएगा
और इसका इस्तेमाल उच्च शिक्षा के लिए समुचित पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए किया
जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र, स्थापित एवं
उभरते क्षेत्र के लिए देश के पास पर्याप्त श्रमशक्ति रहे।
Þ
उच्च शैक्षणिक
संस्थानों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्हें विभिन्न कदमों में स्वायत्ता प्रदान की जाएगी।
Þ
नियामक निकायों
की विश्वसनीयता बहाल की जाएगी। वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाया जाएगा और इसका
एकमात्र आधार योग्यता एवं सामर्थ्य होगा।
Þ
यूजीसी
(विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) का पुनर्गठन किया जाएगा और इसे महज एक अनुदान वितरण एजेंसी के बजाए एक उच्च शिक्षा आयोग
का रूप दिया जाएगा।
Þ
कार्य
प्रशिक्षण अधिनियम की इस तरह समीक्षा की जाएगी कि वह हमारे युवाओं को सीखने के दौरान ही कमाई का जरिया प्रदान करे।
·
व्यापक स्तर पर
खुले ऑनलाइन कोर्सी और वर्चुअल कक्षाओं की स्थापना की जाएगी ताकि कामकाजी लोगों
एवं घरेलू महिलाओं को लिए यह अपना ज्ञान एवं योग्यता बढ़ाने का जरिया बने।
·
स्व-रोजगार के
नए क्षेत्रों, परिवार संचालित कारोबारों, उद्यमशीलता एवं
नए प्रयोगों के लिए पत्राचार पाठ्यक्रम शुरु किए जाएंगे और ये कोर्स महिलाओं के
लिए मुक्त होंगे। इसका मकसद उभरते क्षेत्रों में पैदा किए जा रहे रोजगारों के लिए
युवाओं को तैयारी करना, नए प्रयोगों एवं सद्यमशलता की भावना को बढ़ावा देना होगा
जिससे कि ज्यादा रोजगार पैदा हों एवं
आमदनी हो।
भाजपा शिक्षा पर एक राष्ट्रीय आयोग स्थापित करेगी, जो शिक्षा के
हालात एवं आवश्यक सुधारों पर दो वर्षों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। इस रिपोर्ट के
आधार पर, भाजपा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नए प्रयोगों एवं शोध के संदर्भ
में जनता की बदलती जरूरतों के अनुरूप एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करेगी।
इसका लक्ष्य अपने विद्यार्थियों को आवश्यक हुनर एवं ज्ञान
प्रदान कर भारत को एक ज्ञान महाशक्ति बनाना तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी अकादमिक
क्षेत्र एवं उद्योग में श्रम शक्ति की कमी को समाप्त करना है।
हुनरमंद हाथ, तेज दिमाग, अनुशासन एवं धैर्य भारतीय प्रतिभा को दुनिया भर में एक
संपदा बनाते हैं। हमें इस क्षमता पर खरा उतरते हुए दुनिया की सबसे बड़ी श्रमशक्ति
तैयार करनी है। हमें अपने युवाओं को उत्पादक रूप से रोजगार संपन्न एवं लाभकारी ढंग
से शामिल करना है। हमें भारत को एक ज्ञान शक्ति भी बनाना है। हमें अपने मानव
संसाधन को प्रशिक्षित एवं पोषित करना है। हमें इसका इस्तेमाल अपने देश को भविष्य
में छलांग लगाने के लिए करना है। दुर्भाग्यवश, कांग्रेस ने इस
दिशा में जो पहल की, वह बुरी तरह विफल रही और तकरीबन शुरु ही नहीं हुई। हम हुनर
विकास को अभूतपूर्व पैमाने पर एक मिशन की तरह लेंगे।
Þ
हुनर आकलन-
भारत की आवश्यकता के अनुरूप अपने राष्ट्रीय मानव संसाधन विकास की वैज्ञानिक ढंग से योजना बनाना (जैसे इंजीनियरों, आर्किटेक्टों, डॉक्टरों, नस, वकीलों, एकाउन्टेंटों, बढ़ई, लुहारों आदि की जरूरत का आकलन करना।
Þ
एक "राष्ट्रीय
बहु-हुनर मिशन" की शुरुआत की जाएगी।
Þ
हम रोजगारपरक
हुनरों पर जोर देते हुए शाम में लघु कालिक कोर्स चलाएंगे।
Þ
हम उद्योगों के
अनुकूल श्रमशक्ति सुनिश्चित करने के लिए हम उद्योग, विश्वविद्यालयों
एवं सरकार को एकजुट करेंगे।
Þ
हम बड़े पैमाने
पर रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण को बढ़ावा देंगे। औपचारिक शिक्षा एवं कौशल को विकास के
कड़े प्रथक्करण को तोड़ा जाएगा। अकादमिक समकक्षता की रोजगारोन्मुख अर्हताएं प्रदान करने की प्रणाली स्थापित की जाएगी।
Þ
हम निरन्तर
शिक्षा के जरिए योग्यताओं को ताजा एवं प्रोन्नत करने के लिए संस्थागत प्रणालियां
भी तैयार करेंगे ताकि उन्हें रोजगार योग्य रखा जा सके।
Þ
हम आवश्यकता
आधारित हुनर विकास एवं रोजगारपरकता पर जोर देंगे और अपने युवाओं को सबसे
अत्याधुनिक नौकरियों में भी काम पाने लायक बनाएंगे।
Þ
रोजगारपरकता
बढ़ाने के लिए हम सॉफ्ट कौशल प्रदान करने पर ज्यादा जोर देंगे। इसमें विदेशी
भाषाओं पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम भी शामिल किया जाएगा।
Þ
लोगों, खासकर युवाओं
की कम्प्यूटर साक्षरता के जरिए डिजिटल सशक्तिकरण के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम
चलाया जाएगा।
Þ
हम प्रारंभिक
अवस्था से ही अपने युवाओं की क्षमता एवं प्रतिभा का आकलन करेंगे, ताकि उन्हें उसी के अनुरूप विकसित किया जा सके।
Þ
हम ज्यादा
व्यावहारिक एवं शोध प्रशिक्षण पर जोर देंगे; इंटर्नशिप एवं
कार्य प्रशिक्षणों के जरिए वास्तविक
दुनिया का अनुभव हासिल करने को प्रोत्साहन देंगे।
भारत को एक ऐसी समग्र देखभाल प्रणाली की जरूरत है जो
सार्विक रूप से पहुंच के अंतर्गत हो, वहनीय एवं प्रभावी हो तथा स्वास्थ पर जेब खर्च में भारी कमी
करे। एनआरएचएम लक्ष्य हासिल करने में विफल रहा है और इसमें आमूल रूप से सुधार किया
जाएगा। भाजपा स्वास्थ क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता प्रदान करती है, क्योंकि यह
अर्थव्यवस्था को पटरी पर रखने के लिए अति महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य देखभाल का व्यापक लक्ष्य राज्य सरकारों की मदद ये
तमाम भारतीयों को स्वास्थ्य आवरित प्रदान करना और सेहत की देखभाल पर जेब खर्च को
कम करना है।
मौजूदा स्थिति राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों एवं
सेवा प्रदान करने, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण एवं स्वास्थ्य देखभाल की
वित्त व्यवस्था के संदर्भ में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में आमूल सुधार की मांग
करती है। हमारी सरकार स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में निम्नलिखित सुधारों पर
ध्यान केन्द्रित करेगी।
·
आखिरी
स्वास्थ्य देखभाल नीति साल 2002 में बनाई गई थी। भारत को अब एक समग्र स्वास्थ्य देखभाल नीति की जरूरत है ताकि स्वास्थ्य
देखभाल के क्षेत्र में हुए विकासों एवं आबादी के बदलते स्वरूप के मद्देनजर
स्वास्थ्य देखभाल की चुनौतियों से निपटा जा सके। भाजपा
नई स्वास्थ्य नीति का सूत्रपात करेगी।
·
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य आश्वासन मिशन की शुरुआत की जाएगी। इसमें साफ तौर पर निर्देश होगा कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल मुहैया करायी
जाए ओर यह न केवल आम आदमी की पहुंच के अंदर हो बल्कि प्रभावी हो व वाजिब कीमत पर
उपलब्ध हो।
·
शिक्षा एवं
प्रशिक्षण : स्वास्थ्य देखभाल में लगे विविध पेशेवर नियामक निकायों की भूमिका की
समीक्षा की जाएगी और स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक संयोजनकारी निकाय की स्थापना पर
विचार करेगी। स्वास्थ्य देखभाल करने वाले पेशेवरों की कमी दूर करने को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
·
सरकारी
अस्पतालों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसके लिए आधारभूत ढांचे और नवीनतम पौगोगिकियों को समन्नत किया जाएगा।
·
स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्रालय का पुनर्गठन किया जाएगा। इसका मकसद प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं मुहैया कराने के लिए
स्वारथ्य देखभाल खाद्य एवं पोषण तथा औषधियों से
जुड़े विधि विभागों को सम्मिलित करना है।
·
मानव संसाधनों
में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेडिकल एवं पैरामेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई जाएगी और प्रत्येक राज्य
में एम्स जैसे संस्थान की स्थापना की।
·
योग एवं
आयुर्वेद मानवता को प्राचीन भारतीय सभ्यता की देन हैं और हम योग एवं आयुष को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश को
बढ़ायेंगे। हम भारतीय औषधि प्रणाली और आधुनिक विज्ञान एवं आयुर्वेदिक अर्थशास्त्र
के लिए एकीकृत पाठ्यक्रमों की शुरुआत करेंगे। हम संस्थान स्थापित करेंगे और
आयुर्वेदिक औषधि के स्तरीयकरण एवं मानकीकरण के लिए एक जोरदार कार्यक्रम चलाएंगे।
·
एक ऐसे
स्वास्थ्य देखभाल मॉडल को अपनाया जाएगा जिसमें शिशु स्वास्थ्य एवं रोग निवारण पर
जोर होगा।
·
स्कूल
स्वास्थ्य कार्यक्रम पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
को स्कूल पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बनाया जाएगा।
·
ग्रामीण
स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदान करने पर जोर रहेगा।
·
वरिष्ठ नागरिकों
की सेहत की देखभाल करना भी विशेष ध्यान वाला क्षेत्र होगा।
·
पुरानी एवं
जटिल बीमारियों को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी और मोटापा, मधुमेह, कैंसर,संक्रामक रोगों जैसी पुरानी
बीमारियों के समाधान वास्ते शोध एवं विकास में निवेश किया जाएगा।
·
पेशागत
स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जोर-शोर से चलाया जाएगा।
·
स्वास्थ्य
देखभाल सेवा प्रदान करने के लिए मोबाइल फोनों का उपयोग किया जाएगा ओर “राष्ट्रीय
ई-स्वास्थ्य प्राधिकरण” की स्थापना की जाएगी। इसके जरिए स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच
एवं दायरे को विस्तृत करने के लिए टेलीमिडसीन एवं मोबाइल के द्वारा स्वास्थ्य
देखभाल को समुन्नत किया जाएगा तथा प्रायोगिकी संचालित देखभाल के लिए मानकीकृत एवं
कानूनी ढांचे को परिभाषित किया जाएगा।
·
आपातकालीन
चिकित्सा सेवाओं-108 को सार्विक किया जाएगा।
·
औषधीय पौधों की
खेती को प्रोत्साहित करने के लिए औषधीय पौधा बोर्ड को पुर्नोन्मुखस किया जाएगा।
·
जनसंख्या
स्थिरीकरण एक प्रमुख ध्यान वाला क्षेत्र होगा और इसे एक मिशन कार्यक्रम की तरह
चलाया जाएगा।
·
महिलाओं के
स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके तहत ग्रामीण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग पर जोर रहेगा। इस कार्यक्रम को भी बतौर मिशन चलाया
जाएगा।
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कुपोषण को खत्म
करने के लिए मिशन प्रोजेक्ट चलाया जाएगा।
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राष्ट्रीय
मच्छर नियंत्रण मिशन शुरु किया जाएगा।
खराब साफ-सफाई एवं गंदगी का दूरगामी प्रपाती असर होता है।
हम सुनिश्चित करेंगे कि वर्ष 2019 में गांधी जी की 150वीं वर्षगांठ तक “स्वच्छ भारत” का निर्माण करें। हम इसे एक
मुहिम की तरह चलाएगे। इसके लिए तमाम संसाधनों को एकजुट किया जाएगा और जन भागीदारी
बढ़ाई जाएगी।
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खुले में शौच
करने से मुक्त भारत का सृजन किया जाएगा। इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा और लोगों को अपने घरों तथा
स्कूलों एवं सार्वजनिक स्थानों में शौचालय बनाने में समर्थ किया जाएगा।
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आधुनिक, वैज्ञानिक
सीवेज एवं कचरा प्रबंधन प्रणालियों की स्थापना की जाएगी। ६ हम अपने शहरों एवं
नगरों की साफ-सफाई का आकलन करेंगे और इसके आधार पर उन्हें रैंक प्रदान करेंगे तथा सबसे बढ़िया
कार्य-प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत करेंगे।
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सभी को पीने
योग्य पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा जिससे कि पानी-जनित बीमारियां घटें। इससे भारत खुद ही डायरिया-मुक्त हो जएगा।
2004-05 में जब राजग
सरकार ने अपना कार्यकाल समाप्त कर यूपीए सरकार को कार्यभार सौंपा तो जीडीपी विकास
दर दो अंकों के निकट थी। मुद्रास्फीति नियंत्रण में थी। राजस्व घाटा और चालू खाता
घाटा भी काबू में था तथा पूरी अर्थव्यवस्था मजबूती से बढ़ रही थी। उसके उलट अब
कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के अंत में जीडीपी विकास दर 4.8 प्रतिशत के
नीचे स्तर पर पहुंच गई है। मुद्रास्फीति और महंगाई चरम पर है। राजस्व घाटा और चालू
खाता घाटा घातक स्तर पर आ गए हैं। और उत्पादन क्षेत्र भयंकर मंदी झेल रहा है।
कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कई बड़े-बड़े घोटाले किए हैं।
इन वर्षों में भारतीय मुद्रा का जितना अवमूलयन हुआ है उतना पहले कभी नहीं हुआ।
ये प्रमुखताः संप्रग सरकार की गलत नीतियों और अनिर्णय के
कारण हुआ है। इस पंगु सरकार ने निर्णय लिए ही नहीं और अगर लिए भी, तो वे स्केंडल' में परिवर्तित
हो गए। इस सबसे हमारी अर्थव्यवस्था की साख पर बट्टा लगा गया। इस कुचक्र से बचने के
लिए सबसे पहले निर्णय क्षमता और नियों के प्रति अपनी ईमानदारी को शापित करना होगा
ताकि आन में पन आत्माविश्वास जाग्रत हो.
हम सरकार में लोगों का विश्वास और विश्वसनीयता वापस लाएंगे, हम देश भर में
विश्व स्तर पर भी भारत के आत्मविश्वास को पुनः स्थापित करेंगे। हम अपनी सतत्
दूरगामी नीतियों के बल पर न केवल आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगे बल्कि यह भी
सुनिश्चित करेंगे कि यह विकास स्थिर और संतुलित
हो। हम-
Þ
तात्कालिक स्तर
पर प्रभावी ओर दूरगामी स्तर पर कामयाब हल ढूंढेगे।
Þ
विकास के
कार्यों के लिए आवश्यक साधनों से समझौता किए बिना राजस्व के अनुशासन को सख्ती से कार्यान्वित करेंगे, जैसे मनरेगा
आदि कार्यक्रम.
Þ
विकास को गति
देने वाले सभी उपक्रमों को कुशलतापूर्वक और प्रभावी रूप से संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
Þ
विदेशी और देश
के निवेशकों के लिए जो नीतियां बनाई गई हैं, उनका
पुनर्मूल्यांकन करेंगे, जो दोनों के
लिए सहायक हो।
Þ
बैंकिंग सुधार
भी किए जाएंगे, जिससे ये आसानी से पहुंच के दायरे में हों और उत्तरदायी बनें ।
Þ
हम बचत को
बढ़ावा देंगे जो निवेश और वृद्धि का महत्वपूर्ण आधार है।
साल दर साल एनपीए की मात्रा बढ़ती जा रही है। पिछले कई
वर्षों से ऐसा हो रहा है। भाजपा ऐसे कदम उठाएगी जिससे बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए
में कमी आए। भाजपा एक ऐसा मजबूत नियामक निकाय बनाएंगी जो गैर बैंकिंग वित्तीय
कंपनियों से निवेशकों की रक्षा करेगी।
यूपीए सरकार ने टैक्स आतंकी और अनिश्चितता के रूप में काम
किया है, जिससे व्यापारी वर्ग में एक तरह की हताशा आई और निवेश के
वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. लेकिन इससे देश की साख पर भी बट्टा लगा, भाजपा ने यह
महसूस किया है कि कर नीतियों का रोडमैप तैयार होना चाहिए जिससे लोग भविष्य के लिए
योजनाएं बना सके.
·
विश्वसनीय, गैर विरोधाभासी
और सहायक कर वातावरण तैयार करना.
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कर प्रणाली को
तार्किक और आसान बनाना.
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विवादों के
निपटारे के लिए तंत्र विकसित करना.
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सभी राज्य
सरकारों को जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) के लिए तैयार करना, उनके पूरे पक्ष को सुनते हुए.
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अनुसंधान और
विकास के लिए टैक्स लाभ प्रदान करना जिससे तकनीक और अनुसंधान को बढ़ावा मिले.
मल्टी ब्रांड खुदरा निवेश में विदेशी निवेश का विरोध, प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश की केवल उन्हीं क्षेत्रों में अनुमति दी जाएगी जहा नौकरी और पूंजी का
निर्माण हो। जहां आधारभूत ढांचे के लिए तकनीकी और विशेषज्ञ ज्ञान की आवश्यकता हो. भाजपा छोटे और
मझोले दुकानदारों के हित संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं.
लघु उद्योगों और उनके कर्मचारियों के लिए विदेशी निवेश
संवर्धन बोर्ड की कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी और निवेशकों की सहायक होगी.
कृषि भारत के आर्थिक विकास का इंजन है. सर्वाधिक लोगों को
इसमें रोजगार मिलता है. भाजपा कृषि विकास को उच्च प्राथमिकता किसानों की आय और
ग्रामीण इलाकों के विकास वृद्धि का वादा करती है।
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कृषि और
ग्रामीण विकास में सरकारी निवेश बढ़ाया जाएगा.
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ऐसे कदम उठाए
जाएंगे, जिससे कृषि क्षेत्र में लाभ बढ़े, यह सुनिश्चित
किया जाएगा कि लागत का 50 प्रतिशत लाभ
हो. सस्ते कृषि उत्पाद और कर्ज उपलब्ध कराए जाएंगे. इस क्षेत्र में आधुनिकतम
तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। ज्यादा उपज देने वाले बीज उपलब्ध करवाये जायेंगे।
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60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं
बनाई जाएंगी, जो छोटे और
सीमांत किसानों और मजदूरों के लिए होंगी।
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कम पानी से
सिंचाई करने वाली तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे पानी के संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो सके.
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फसल बोने से
पहले मिट्टी का परीक्षण करने की प्रणाली का विकास किया जाएगा. मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशाला चलाई जाएंगी.
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कीटनाशक
प्रबंधन और नियंत्रण कार्यक्रम का मूल्यांकन होगा.
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खाद्य
प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना की जाएगी, जिसकी अभी तक केवल बात की जा रही है. इससे किसानों को बेहतर
आय हो सकेगी और नौकरियों का सृजन होगा. हमारा उद्देश्य 'एग्रो फूड प्रोसेसिंग कल्चर' की स्थापना
करना है, जो बड़े स्तर का हो और जहां निर्यात वाला सामान पैक कर सीधे
बाहर भेजा जाए.
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मसालों की
गुणवत्ता, उत्पादकता और व्यापार पर खास तौर से ध्यान दिया जाएगा.
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आर्गेनिक
फार्मिंग एंड फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया' की स्थापना की जाएगी, जिसमें
आर्गेनिक खेती और खाद को बढ़ावा दिया जाएगा. इसे बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहन और सहयोग दिया जाएगा.
· हर्बल उत्पाद के लिए अदल-बदल कर कृषि प्रणाली का उपयोग किया जाएगा. यह भौगोलिक नक्शे पर आधारित होगा. इससे किसानों की आय बढ़ेगी.