भारत की अखंडता और "दो विधान, दो निशान, दो प्रधान" की व्यवस्था के खिलाफ बिगुल बजाने वाले मां भारती के लाल डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को आज उनके बलिदान दिवस पर नमन किया गया। महोबा में भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में आयोजत संगोष्ठी के दौरान डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय जल शक्ति मंत्री श्री रामकेश जी के द्वारा किया गया। मंत्री महोदय का स्वागत कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के मछुआरा प्रकोष्ठ में सह-संयोजक कालीचरण रैकवार ने पुष्प गुच्छ देकर किया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत माननीय जल शक्ति मंत्री श्री रामकेश जी ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में एक विधान, एक निशान और एक प्रधान के संकल्प को लेकर चलते हुए डॉक्टर मुखर्जी ने देश की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष करते हुए अपने प्राणों को माँ भारती के चरणों में आहूत कर दिया था और आज उनके असीम संघर्ष के दम पर ही कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। देश को एकजुट करने के संकल्प को लेकर आगे बढ़ते हुए डॉ मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी, जो आज एक वटवृक्ष की तरह भारतीय जनता पार्टी के रूप में सामने है। डॉ मुखर्जी के सद्कार्य और उनकी प्रेरणा सदैव अनुकरणीय रहेगी।